हरीश थपलियाल।
पोषण अभियान के अंतर्गत सितम्बर महीने को पोषण माह के रूप में मनाया जा रहा है। जिसमें प्रत्येक दिन अलग अलग गतिविधियों के जरिए कुपोषण के खिलाफ राज्य भर में एक वृहद जन आंदोलन चलाया जा रहा है। परिवार के बच्चों और महिलाओं के स्वास्थ्य और पोषण की जिम्मेदारी निभाने में महिलाएं ही अग्रणी भूमिका निभाती हैं।
घर के आर्थिक मामलों की कुंजी पुरुषों के हाथों में होती है। इसलिए बच्चों और महिलाओं के खानपान में बेहतरी के लिए उचित प्रयास नहीं हो पाते। इसी को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार ने आंगनबाड़ी केंद्र पर सुपोषण दिवस नाम से सामुदायिक गतिविधि शुरू की है। इसी क्रम में रिलायंस फाउंडेशन के द्वारा उत्तरकाशी के डुंडा ब्लॉक के मसून एवं खरवां गांव में आंगनबाड़ी केंद्रों में पोषण दिवस पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
रिलायंस फाउंडेशन के प्रतिनिधि भूपेंद्र रावत ने बताया की 2013 की आपदा के बाद रिलायंस फाउंडेशन भटवाड़ी ब्लॉक के 12 गांव, और अब डुंडा प्रखंड के 50 गांवों में कार्य कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि पोषण सुरक्षा हमारे कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य है।
जिसके तहत पोषण वाटिका, जागरूकता अभियान, हेल्थ कैम्प आदि गतिविधियों को निरंतर संचालित किया जा रहा है।कार्यक्रम में आंगनबाड़ी कार्यकर्ती श्रीमती मंजु पंवार ने भी सरकार द्वारा आंगनबाडी के माध्यम से संचालित हो रही योजनाओं की जानकारी दी। इस अवसर पर ग्राम मसून में नागराजा स्वयं सहायता समूह की अध्यक्ष लखमा देवी एवं प्राथमिक विद्यालय की अध्यापिका अनीता चौहान, शशिकांत सेमवाल, सुनील राणा सहित कार्यक्रम में कुल 92 प्रतिभागी उपस्थित रहे।
