मंत्री हरक सिंह पर भारी हैं बंदर! बोले बंदरों से निपटना हमारे बस की बात नही..
रामरतन पंवार/रूद्रप्रयाग।
पहाड़ों में शैतान बंदरों का खौफ मात्र काश्तकारों पर ही नही बल्कि वन मंत्री हरक सिंह भी खौफजदा हैं, रूद्रप्रयाग में चिरबटिया में पर्वतीय क्षेत्र में मानव पलायन विषय पर राज्य स्तरीय एक दिवसीय विचार गोष्ठी में पहुचे वन मंत्री हरक सिंह रावत ने दो टूक कह दिया कि सीएम त्रिवेन्द्र रावत, कृषि मंत्री सुबोध उनियाल समेत मंत्रीमंडल के सभी मित्रों से उन्होने 4 घण्टे तक बंदरों पर चर्चा की लेकिन आज तक हमारी समझ में नही आया कि बंदरों से कैसे निजात पायी जाए सुनिए क्या कहा वन मंत्री हरक सिंह रावत ने-
देखें विडियो- बंदरों को लेकर बोलते वन मंत्री हरक सिंह
बंदरों के आतंक से पहाड़ के कृषक ही नही बल्कि गृहणीयो से लेकर दुकानदार तक परेशान हैं, और बंदरों से निजात पाने के लिए सबकी निगाहें वन विभाग पर टिकी रहती हैं, लेकिन वन मंत्री हरक सिंह रावत ने साफ कर दिया है कि उनकी समझ में आज तक नही आया कि बंदरों से कैसे निजात पायी जाए। हरक सिंह ने कहा कि बंदर पकड़ने के लिए मथुरा से बंदरबाड़ा लाकर लगाये थे एक बार तो बंदर पकड़े गये लेकिन अब बंदर इतने चालाक हो गये हैं कि अब बंदर बन्दरबाड़ा में भी नही जा रहे है, और अगर बंदरबाड़े में केले रखो तो इतनी जल्दी जाकर केले निकाल लाते हैं कि बन्दरबाड़ा बन्द ही नही हो पाता।
हरक सिंह ने कहा कि बंदरों को हम मार भी नही सकते हैं, बंदरों की नसबन्दी भी सफल नही हो पायी है हमने पूरा खर्चा कर के 14 हजार बन्दर पकड़े और उन्हे चिडियापुर ले गये, लेकिन एनजीटी के आदेश थे कि मादा बन्दर और बच्चों की नसबन्दी नही कर सकते ऐसे में खर्चा तो पूरा हो गया लेकिन नसबन्दी मात्र 400 बन्दरों की ही कर पाये। हरक सिंह रावत के इस बयान के बाद अब बन्दरों से परेशान पहाड़ की जनता बन्दरों से निजात पाने के लिए आखिर करे तो करे क्या जब हरक सिंह जैसे कद्दावर नेता भी बंदरों से निपटने में हाथ खड़ा कर दे।