चारधाम श्राइन बोर्ड विधेयक हुआ पास! तो हमारे लोग दे देगें अपने प्राण- विधायक मनोज रावत


 चारधाम श्राइन बोर्ड विधेयक हुआ पास तो हमारे लोग दे देगें अपने प्राण- विधायक मनोज रावत 

 रिपोर्ट-कैलास सिंह/केदारनाथ। 

केदारनाथ विधायक मनोज रावत हाल ही में त्रिवेन्द्र कैबिनेट द्वारा पास किए गये चारधाम श्राइन बोर्ड विधेयक के विरोध में उतर गये है, मनोज रावत ने बड़ा बयान देते हुए कहा है कि सरकार ने नादानी में बिना सोचे समझे चारधाम श्राइन बोर्ड के गठन का फैसला किया है मनोज रावत ने कहा है कि अगर सरकार इस एक्ट को पास करने की कोशिश करेगी तो हमारे लोग न केवल सड़क पर उतरेंगे बल्कि धर्म की रक्षा के लिए अपने प्राण भी दे देगें। 





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कांग्रेस के केदारनाथ से विधायक मनोज रावत ने कहा कि सरकार की मंशा है कि श्राइन बोर्ड का गठन कर मंदिर की आय के जरिए अपनी सरकार चलाने का लक्ष्य रखा है यह गलतफहमी सरकार ना पाले, प्रस्तावित चार धाम श्राइन बोर्ड विधेयक जो कैबिनेट में पास किया गया के विरोध में चारों धामों के तीर्थ पुरोहित और परम्परागत हक- हकूक धारी उनसे मिले। इनके दर्द को सरकार समझ नही पा रही है। सरकार की नजर मंदिर के दान के धन पर है।
सरकार ने एक नासमझी भरा निर्णय ले लिया है । इस मुद्दे पर हम पहाड़ के लोग जान दे देंगे पर अपनी परंपराओं से समझौता नही करेंगे। चारों धामों के लिए वैष्णो देवी बालाजी के पैटर्न पर श्राइन बोर्ड लाने के कैबिनेट के निर्णय के खिलाफ देवभूमि तीर्थ पुरोहित हक हकूक धारी सब एक जुट हो गये हैं। केदारनाथ तीर्थपुरोहित सभा अध्यक्ष विनोद शुक्ला का कहना है कि बिना हमे विश्वास मे लिए केदारनाथ की परंपराओ से सरकार छेड़छाड़ कर रही है। चारो धामो के लोग एकजुट होकर सरकार के इस फैसले का विरोध करते हैं। वहीं हरीश डिमरी महामंत्री देवभूमि तीर्थपुरोहित महापंचायत का कहना है कि हर जगह पूजा पद्धति, वातावरण व वहां की परिस्थितियां अलग -अलग हैं। सरकार के इस फैसले का वो कड़ा विरोध करते हैं और सड़को पर उतरने के लिए तैयार हैं।




केदारघाटी के युवाओं मे भी सरकार के प्रति रोष है उनका कहना है कि स्थानीय लोगों का रोजगार छीन कर सरकार अपनी स्तर से दलाली करवाना चाहती है, अगर सरकार ऐसे मंसूबों को लेकर काम करना चाहती है तो पूरी केदारघाटी मे इसके विरुद्ध बड़ा आंदोलन करेंगे आपदा के बाद ही कई लोगों को बेरोजगार कर चुकी है यह सरकार और इससे बड़े मंसूबे कामयाब नहीं होने दिए जाएंगे अगर ऐसी मंशा है तो पूरी केदारघाटी इसके विरुद्ध होगी जिसकी जिम्मेदार सरकार की होगी।

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