रायवाला- पंचायत की भूमि पर भू-माफिया की गिद्ध दृष्टि!ग्रामीण निकालेगे कैंडिल मार्च..


पंचायत की भूमि पर भू-माफिया की गिद्ध दृष्टि!ग्रामीण निकालेगे कैंडिल मार्च..

भू-माफिया की गिद्ध दृष्टि

महेश पंवार रायवाला।

हरिपुरकलां में पंचायती भूमि पर कब्जे के मामले में ग्रामीण एक जुट होकर आंदोलन करने को तैयार है। ग्रामीणों का आरोप है कि उक्त भूमि पर 2013 से स्टे आदेश है बाबजूद इसके जमीन को खुर्द-बुर्द किया जा रहा है। प्रशासन को जगाने के लिए ग्रामीण निकालेंगे कैंडिल मार्च। ग्रामीणों ने एसडीएम ऋषिकेश को ज्ञापन दिया और भूमि सम्बन्धी दस्तावेज उपलब्ध कराए। 



मामला हरिपुरकलां क्षेत्र का है। ग्रामीणों का आरोप है कि यहां पंचायती भूमि पर स्टे होने के बाद भी कब्जा किया जा रहा है। ग्रामीणों ने पूर्व ग्राम प्रधान सविता शर्मा और सतेंद्र धमांदा के नैतृत्व में बैठक कर भूमि मुक्त कराने को लेकर आंदोलन की रूपरेखा तैयार की। पूर्व ग्राम प्रधान सविता शर्मा ने बताया कि गंगा माता अस्पताल के सामने ग्राम पंचायत की करीब 29 बीघा भूमि खाली पड़ी है। 
उन्होने बताया कि 2013 में पंचायत ने उक्त भूमि को 10 बेड का हॉस्पिटल, पुलिस चैकी व आवास, मिनी स्टेडियम तथा आंगनबाड़ी केंद्र के लिए प्रस्तावित किया था। आरोप है कि खाली पड़ी पंचायती भूमि पर भू-माफियाओं की नजर है। आरोप है कि उक्त भूमि पर एक संस्था द्वारा अवैध रूप से अतिक्रमण का प्रयास किया जा रहा है। इतना ही नही स्टे होने के बाद भी उक्त भूमि पर निर्माण कार्य किया जा रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि संस्था से जुड़े लोगों द्वारा उनको डराया धमकाया जा रहा है। खास बात यह है कि इस मामले को लेकर स्थानीय प्रशासन भी गहरी नींद में सोया हुआ है।



प्रशासन द्वारा कोई ठोस कदम न उठाने को लेकर ग्रामीणों में काफी रोष दिखायी दे रहा है। जिसके चलते अब ग्रामीणों ने एक जुटहोकर चरणबद्ध तरीके से आंदोलन करने की तैयारी कर ली है। वहीं सोए हुए प्रशासन को नींद से जगाने के लिए ग्रामीण मंगलवार को कैंडिल मार्च निकलेंगे। यह कैंडिल मार्च बिरला फार्म चैक से होते हुए सप्त ऋषि तक पहुंचेगा। वहीं ग्रामीणों ने सोमवार को एसडीएम ऋषिकेश को ज्ञापन सौंपते हुए भूमि सम्बन्धी दस्तावेज उपलब्ध कराए। ग्रामीणों ने एसडीएम को अवगत कराया कि उक्त भूमि पर 2013 से स्टे होने के बाबजूद भूमि को खुर्द-बुर्द और निर्माण कार्य किया जा रहा है। ज्ञापन के माध्यम से ग्रामीणों ने प्रशासन को चेताया है कि यदि उक्त मामले में वह ठोस कदम नही उठाता है तो ग्रामीण उग्र आंदोलन को बाध्य होंगे। ज्ञापन सौंपने वालों में पूर्व ग्राम प्रधान सतेंद्र धमान्दा, विक्रांत भारद्वाज, मुकेश मनोडी, दीप चन्द कुकरेती, राजेश लखेड़ा, मोहित लखेड़ा, सुरेंद्र दत्त सेमवाल, गोकुल डबराल, अनुज रावत आदि रहे।

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