उत्तरकाशी- पंचायत चुनाव में पढे-लिखों पर जताया भरोसा! इंजीनियर अरविंद लाल को जनता ने सौंपी कमान..


पंचायत चुनाव में पढे-लिखों पर जताया भरोसा, इंजीनियर अरविंद लाल को जनता ने सौंपी कमान।

अरविन्द लाल
हरीश थपलियाल/ उत्तरकाशी।

जिले के अलग-अलग ब्लॉकों में हुए त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के परिणाम सहानुभूति लहर से लबालब नजर आए। सोमवार को हुई मतगणना में जो परिणाम सामने आए उसमें ज्यादातर जगहों पर पूर्व प्रधान के परिवार जनों  को ही जनता ने कमान सौंपी है।



मतगणना के दौरान कहीं पर कोई अप्रिय घटना न घटे इसके लिए प्रशासन की कड़ी सुरक्षा नजर आई। इस बार के पंचायत चुनाव में खास बात यह रही की मतदाताओं ने शिक्षित उम्मीदवारों पर भरोसा जताया। पंचायत प्रतिनिधियों के लिए जो मानक त्रिवेंद्र सरकार ने तय किये थे। इसकी ये भी प्रमुख वजह मानी जा रही है। लेकिन उत्तरकाशी में बीजेपी को तगड़ा झटका लगा है। यहाँ भाजपा के जिलाध्यक्ष श्याम डोभाल पौंटी सीट से खुद जिला पंचायत सदस्य का चुनाव हार गए
यही नही एक और बीजेपी के वरिष्ठ नेता एवं सरकार की और से नामित जीएमवीएन के निदेशक लोकेंद्र बिष्ट की भी करारी हुई है। इसी तरह गाजणा सीट से भी बीजेपी का सूपड़ा साफ हुआ है। यहाँ निर्दलीय प्रत्याशी प्रदीप भट्ट की भी दमदार जीत हुई है
वहीं हुडोली सीट से दीपक बिजल्वाण  भी रिकॉर्ड मतों से विजयी हुए। साथ ही मौघ जिला पंचायत सीट से प्रदीप कैंतुरा की जीत भी एतिहासिक रही। दूसरी और दिचली वार्ड से सदस्य जिला पंचायत प्रत्याशी पंकज कुमार, सुंदर लाल के बीच कांटे की टक्कर चल रही है। जिसके लिए चिन्यालीसौड़ ब्लॉक में देर रात तक रिकॉउंटिंग चली। यहाँ प्रत्याशी बार-बार आरओ चिन्यालीसौड़ सुरेश तोमर से रिकॉउंटिंग का निवेदन करते दिखे थे। यहां जीत  एक वोट भी कीमती मानी जा रही थी। नतीजा यह रहा की दिचली वार्ड से सुंदर लाल एक वोट से विजयी हुए। उन्होंने 1810 वोट पाकर विजय हासिल की। वहीं 1809 वोट लाने वाले पंकज कुमार को आखिरकार संतुष्ट होना पड़ा।



लेकिन इन सबके बीच एक युवा चेहरा भी निर्वाचित हो कर सामने आया है।  उम्र करीब 26 वर्ष 20 दिन। हां, यही उम्र थी जब अरविंद लाल ने नामांकन दर्ज किया था। चुनाव क्या होता है, राजनीति में कैसे लोगों को साधा जाता है, उन्हें बहुत कुछ नहीं पता। बस, सब कह रहे थे लड़ो और वह लड़ गए.. जीत भी गए। जीतने के बाद पता चला कि वह सिर्फ एक चुनाव में विजयी नहीं हुए बल्कि एक रिकॉर्ड भी उनके नाम दर्ज होने वाला है..सबसे कम उम्र के जिला पंचायत सदस्य बनने का। जीत की जिम्मेदारी और रिकॉर्ड की अहमियत को इस युवा ने बखूबी समझा। यूथ की नई परिभाषा गढ़ी जो हंगामे और मनमौजी के संकेतक नहीं बल्कि अनुशासित और जिम्मेदारी का पालन करने वाले हैं। यही नही अरविन्द लाल की शैक्षिक योग्यता की बात की जाए तो वे एमएससी आईटी पास हैं यानी आईटी इंजीनियर भी हैं।



उत्तरकाशी के महर गांव गमरी वार्ड से  सदस्य जिला पंचायत अरविंद लाल उम्मीदवार थे। मतगणना में वोट खुले तो 603 से अधिक वोटों से उन्होंने जीत दर्ज की। अरविंद लाल ने बताया की नया भारत तो युवाओं को ही तैयार करना है। इसी सोच के साथ काम शुरू कर दिया था।

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