1991 में धरती ने ली थी अंगड़ाई, 800 लोगों की हुई थी मौत। 28 साल बाद कार्यशाला !
हरीश थपलियाल/ उत्तरकाशी।
आज ही के दिन उत्तरकाशी में 800 सौ लोग धरती की अंगड़ाई यानी भूकंप से तबाह हो हुए थे। इस दिन 20 अक्टूबर को यहां लोग थर-थरा जाते हैं। ये दिन उत्तरकाशी के लोगों के लिए बड़ा काल साबित हुआ था। जिसकी यादें कभी भूली नही जा सकती। इसके लिए मृतक लोगों को गंगोत्री विधायक गोपाल रावत, डीएम आशीष चौहान, सीडीओ,सीएमओ डॉ डीपी जोशी, आपदा प्रबंधन के निदेशक, पीयूष रौतेला,जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी देवेंद्र पटवाल ने श्रद्धांजलि दी।।
भूकंप से आज भी सहम जाते हैं लोग
आपदा की दृष्टि से उत्तरकाशी अति संवेदनशील है। वर्ष 1978 और 2012-13 की बाढ़, 2003 के वरुणावत भूस्खलन और 1991 में आए भूकंप ने पूरे जिले को झकझोर कर रख दिया था। जिले में पिछले तीन दशक में कई बार भूकंप के झटके महसूस किए जा चुके हैं। 20 अक्टूबर 1991 में 6.4 रिक्टर स्केल के पैमाने के साथ आए भूकंप से जिले को काफी नुकसान हुआ था। उस समय भटवाड़ी के अगोड़ा क्षेत्र में भूकंप का केंद्र बिंदु रहा, जिसमें जनपद के 11 गांव प्रभावित हुए। इसके 653 लोग काल का ग्रास बने, जबकि 6 हजार लोग घायल हुए। भूकंप में 14 हजार भवनों को पूर्ण और आंशिक रूप से क्षति पहुंची थी।
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| फाईल फोटो- उत्तरकाशी भूकम्प। |
बाड़ागड्डी निवासी 90 भुवना देवी ने बताया की आज भी भूकंप का नाम सुनाई देता है तो 1991 का वह मंजर आंखों के सामने आ जाता है। इसके बाद 4 अप्रैल 2011 को 5.7, 10 फरवरी 2012 को 5.0 और 21 सितंबर 2009 को 4.7 रिक्टर स्केल जिले में भूकंप की तीव्रता मापी गई। 5 अप्रैल 2015 को 7.5 रिक्टर स्केल में नेपाल में आए भूकंप के झटके यहां महसूस जरूर किए गए, लेकिन इसमें किसी प्रकार की कोई अप्रिय घटना नहीं हुई।
भूकंप अवरोधी मानकों के तहत बनाए घर
भूकंप अवरोधी मकान दो प्रकार से बनाए जा सकते हैं। एक तो पारंपरिक तरीके से भवन निर्माण कर सकते हैं और दूसरा आरसीसी वाला। आरसीसी यानी रिइंफोर्समेंट सीमेंट कंकरीट वाले मकानों के चारों कोनों पर खड़ी सरिया व सीमेंट के साथ ईंट की चिनाई की जाती है।
इसके अलावा बीच में भूकंपरोधी डोर बैंड, खिड़कियों और दरवाजे को भी सीमेंट और ईंट से मजबूती देंगे, जबकि छत आरसीसी युक्त बनाएंगे। दूसरी ओर, परंपरागत तरीके से भी भूकंप अवरोधी मकान तैयार कर सकते हैं। इसमें तिकोनी दीवार की मजबूती के लिए गेबिल बैंड युक्त घर बनाने होंगे।
इस प्रकार के घरों में चारों तरफ खड़ी सरिया युक्त कोनों पर पत्थरों की चिनाई की जाती है। घर में गेबिल बैंड के अलावा तीन अन्य प्रकार की सुरक्षा दीवार बनानी होगी, जिसमें चारों तरफ से बिल्डिंग आपस में बंधी हो। भूकंप के झटके के असर को दीवारों पर कम करने के लिए और दरारों को कम करने व फैलने से रोकने के लिए इस प्रकार की सुरक्षा दीवार तैयार की जाती है।
कब और कहां आया भूकंप
- 05 जनवरी 2019 : जिला पिथौरागढ़, समय 21:46 बजे, तीव्रता रिक्टर स्केल पर 2.7, गहराई 10 किमी नीचे।
- 31 जनवरी 2019 : जिला उत्तरकाशी, समय 11:23 बजे, तीव्रता रिक्टर स्केल पर 2.8, गहराई 05 किमी नीचे।
- 31 जनवरी 2019 : जिला उत्तरकाशी, समय 11:58 बजे, तीव्रता रिक्टर स्केल पर 3.5, गहराई 05 किमी नीचे।
- 13 अप्रैल 2019 : जिला उत्तरकाशी, समय 21:26 बजे, तीव्रता रिक्टर स्केल पर 2.9, गहराई 10 किमी नीचे।
- 21 अप्रैल 2019 : जिला पिथौरागढ़, समय 20:42 बजे, तीव्रता रिक्टर स्केल पर 3.5, गहराई 10 किमी नीचे।
- 04 मई 2019 : जिला उत्तरकाशी, समय 08:37 बजे, तीव्रता रिक्टर स्केल पर 3.1, गहराई 10 किमी नीचे।
- 18 मई 2019 : जिला चमोली, समय 01.08 बजे, तीव्रता रिक्टर स्केल पर 3.8, गहराई 10 किमी नीचे।

