इको सेंसेटिव जोन के विरोध में संघर्ष समिति का गठन, एक जुट होकर निर्णायक लड़ाई की रूप रेखा तैयार
महेश पंवार/रायवाला।
इको सेंसेटिव मुददे को लेकर ग्रामीण आर पार की लड़ाई को तैयार है। जिसके चलते ग्राम सभा हरिपुरकलां, रायवाला, प्रतीतनगर और गौहरीमाफी के ग्रामीणों ने संघर्ष समिति का गठन किया। जिसमें पूर्व ग्राम प्रधान गौहरीमाफी संजय पोखरियाल को अध्यक्ष व मनोज जखमोला को महासचिव बनाया गया है।
इको सेंसेटिव जोन बनाए जाने के फैसले का ग्रामीणों ने कड़ा रूख अपनाते हुए विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है। जिसके चलते बैठकें आयोजित की जा रही हैं और ग्रामीणों को सेंसेटिव जोन बनने से होने वाली दिक्कतों के बारे में जागरूक किया जा रहा है। वहीं ग्राम सभा प्रतीतनगर, गौहरीमाफी, रायवाला और हरिपुरकलां के ग्रामीणों ने सत्यनारायण मंदिर परिसर में बैठक आयोजित की। इको सेंसेटिव जोन के खिलाफ योजनाबद्ध तरीके से निर्णायक जनहित की लड़ाई लड़ सके इसके लिए राजाजी राष्ट्रीय पार्क प्रभावित ग्राम संयुक्त संघर्ष समिति का गठन किया गया।
पूर्व ग्राम प्रधान गौहरीमाफी संजय पोखरियाल को समिति का अध्यक्ष और मनोज जखमोला को महासचिव, देवराज नेगी व शंकर धनै को सचिव, दीवान सिंह चैहान को कोषाध्यक्ष, एलम सिंह को सहकोषाध्यक्ष, मांगेराम पाल को सहसचिव, अजय शाहू व मनोज डंगवाल को मीडिया प्रभारी चुना गया। संरक्षक मंडल में राजेश भारद्वाज, उदीना नेगी, मोहन असवाल, भगवती सेमवाल, विपिन कर्णवाल, भगवान सिंह, उषा देवी मनप्रीत कौर व सदस्य मंडल में मेहरबान रावत, विशालमणि, दिगम्बर भंडारी, वीरेंद्र थापा, सुनील जुगरान व सुरेंद्र बिष्ट को शामिल किया गया। सचिव मनोज जखमोला का कहना था कि इको सेंसेटिव जोन एक काला कानून है, जिसे पार्क मनमाने तरीके से जनता पर लागू कर रहा है। इस नियम को किसी भी सूरत में लागू नही होने दिया जाएगा। अध्यक्ष संजय पोखरियाल ने कहा कि इसके खिलाफ सभी लोग एक जुट होकर आनंदोलन करने को तैयार हैं।
