लोन लेने के नाम पर बैंक ग्रामीणों को कर रहा है परेशान
वाचस्पति रयाल, संवाददाता नरेंद्र नगर।
गंगा- यमुना ग्रामीण बैंक शाखा तपोवन, ग्रामीणों को लोन देने के नाम पर बैंक के अनेकों बार चक्कर कटवाने को मजबूर कर रहा है, इतना ही नहीं बैंक प्रबंधक अपने मनमाने तौर-तरीके चलाकर ग्रामीणों से तहसीलदार एवं एसडीएम द्वारा बैंक के नाम जमीन गिरवी रखने के बंधक पत्र , ऋण धारकों से मांग रहा है जिस वजह से लोन धारकों को बैंक के चक्कर काटने को मजबूर होना पड़ रहा है।
जबकि बैंक से ऋण लेने के लिए ऋण धारक बैंक द्वारा जारी फार्म ,भर कर उस पर दो ग्रांटरों के हस्ताक्षर सहित उनकी फोटो चस्पा की जाती है। मगर शाखा प्रबंधक ऐसा न करके लोन लेने के लिए अपने मनमर्जी के नियम पर तुला हुआ है अपनी चलाकर लोन लेने को अपने मनमर्जी के नियम के तहत लोन धारकों को ऋण लेने को मजबूर कर रहा है जिस कारण ऋण धारक बैंक का चक्कर काटते-काटते परेशान हाल हैं।
27अगस्त को उक्त शाखा से लोन लेने के लिए गए बडेडा़ ग्राम पंचायत के पूर्व प्रधान धन सिंह तडि़याल और नंद सिंह रावत ने बैंक शाखा प्रबंधक पर हिटलरशाही का आरोप जड़ते हुए कहा कि शाखा बैंक प्रबंधक ऋण धारकों को अनावश्यक परेशान कर रहा है। दोनों ग्रामीणों ने शाखा प्रबंधक को हटाने की मांग करते हुए इनके द्वारा ग्रामीणों को परेशान किए जाने की भी जांच की मांग की है।
उधर उत्तराखंड क्रांति दल के केंद्रीय सचिव तथा पट्टी दोगी के सामाजिक कार्यकर्ता सरदार सिंह पुंडीर ने गंगा यमुना ग्रामीण बैंक शाखा तपोवन की कार्यशैली को बेहद अव्यवहारिक तथा ग्रामीणों के विरुद्ध बताते हुए कहा कि कुछ वर्षों पहले इसी शाखा द्वारा ग्राम पंचायत बुगाला के उत्तम दास के नाम से 40 हजार का ऋण निकाला गया जबकि उत्तम दास ने इस ऋण के लिए कोई फार्म ही नहीं भरा था, और जब उत्तम दास ने यह मामला उठाया तो बैंक कर्मियों ने स्वत: ही उत्तम दास के नाम से लिया हुआ ऋण बैंक में जमा कर दिया।
गंगा यमुना ग्रामीण बैंक शाखा तपोवन पर ग्रामीण ऋण धारकों के साथ अभद्रता और ऋण में गड़बड़ी के आरोप कोई नए नहीं है पहले से ही इस बैंक शाखा पर ऋण देने के नाम पर अव्यवहारिकता, तथा ऋण देने में गड़बड़ी के आरोप लगते रहे हैं।
उक्रांद के केंद्रीय सचिव सरदार सिंह पुंडीर,बडेडा़ के पूर्व प्रधान धन सिंह तडि़याल तथा ग्राम छतेंडी के नंद सिंह रावत ने तपोवन बैंक शाखा के समस्त कर्मियों को तत्काल जिला बदर करने की मांग करते हुए इनके कार्यों की जांच की भी मांग की है।
