राजाजी में वन्यजीव तस्करों के साथ वन कर्मियों के दो दो हाथ! भाला और गोह का मांस बरामद, घटना के बाद तस्कर मौके से फरार, भाला और गोह का मांस बरामद
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| राजाजी में वन्यजीव तस्करों के साथ वन कर्मियों के दो दो हाथ! |
राजाजी में वन्यजीव तस्करों को गश्त कर रहे वनकर्मियों ने पकड़ लिया। जिसके बाद वनकर्मियों व तस्करों के दो दो हाथ भी हुए। तस्कर वनकर्मियों की गिरफ्त से बचकर भागने में कामयाब रहे। वनकर्मियों के हाथ शिकार किया गया मांस और एक भाला लगा है। हांलाकि मामले को लेकर काई भी अधिकारी कुछ कहने का तैयार नही है।
मामला राजाजी टाइगर रिजर्व की मोतीचूर, चीला व हरिद्वार रेंज के मिलान क्षेत्र का है और घटना भी शुक्रवार दोपहर की है। विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार गंगा नदी किनारे वनकर्मी गश्त कर रहे थे। इसी दौरान उन्होने चीला रेंज की ओर से कुछ लोगों को मोतीचूर रेंज की तरफ आते हुए देखा। कंधे मे झोला और हाथ में भाला देख वनकर्मियों को उनपर संदेह हुआ लेकिन जब तक वनकर्मी मामले की सूचना अधिकारियों को देते तब तक वह लोग मौके से जा चुके होते लिहाजा वन कर्मियों ने संदिग्ध लोगों को खुद ही रोकने की बात सोची। तस्करों को पकड़ने के लिए वनकर्मी झाड़ियों में छिप गए और तस्करों को पकड़ लिया। तस्करों ने आव देखा न ताव वह वनकर्मियों से हाथापाई करने लगे काफी देर तक तस्करों और वनकर्मियों में दो दो हाथ हुए जिसके बाद तस्कर मौके से भाग गए। इस दौरान तस्कर गोह का मांस और शिकार के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला भाला मौके पर ही छोड़ गए।
इस घटना की जानकारी मिलने के बाद पार्क के आलाधिकारियों की नींद और चैन उड़ना स्वाभाविक था। लेकिन मामला राजाजी टाइगर रिजर्व तक पर पार्क से जुड़ा था पार्क अधिकारियों की किरकिरी न हो लिहाजा मामले को दबा दिया गया। चुंकि जिस पार्क में घुसने तक पर प्रतिबंध है वहां शिकारियों और वनकर्मियों के बीच दो दो हाथ होना अपने आप में बड़ी बात भी है और बड़ा सवाल भी। सूत्र बताते हैं कि वनकर्मियों ने तस्करों की पहचान कर ली है यह पहले भी वन्यजीव तस्करी में पकड़ जा चुका है। बताया जा रहा है कि इस मामले के तार हरिपुरकलां के पास एक बस्ती से जुड़े हुए हैं। जब इस बारे में वार्डन अजय शर्मा से बात की गयी तो उन्होने बताया कि मामले उनकी जानकारी में नही है। यदि ऐसा हुआ है तो इसकी जांच करायी जाएगी।
