सादगी व ईमानदारी की मिशाल! डीएम टिहरी षणमुगम ने अपने सरकारी आवास में आने वाला सरकारी ढूध बन्द कराया।
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| डीएम टिहरी वी षणमुगम |
वाचस्पति रयाल।
डीएम टिहरी वी षणमुगम ने अपने आवास में आने वाला सरकारी दूध बंद करा दिया है। अभी कुछ दिन पहले डीएम टिहरी वी षणमुगम टिहरी जिले के डीएम बने हैं। डीएम के आवास में दूध विभाग सदियों से एक दर्जन, या आधा दर्जन थैलियां दूध भिजवाता है। कुछ दिन पहले डीएम षणमुगम ने जब कुक से पूछा कि चाय का दूध कहाँ से आया ? तो कुक ने साफ-साफ बता दिया। जिसके बाद डीएम षणमुगम ने अगले दिन से ही कुक को सब्जियां, दालों ,आटे, चाय पत्ती, चीनी के साथ ही दूध लाने के लिए भी पैसे दिये।
अब कुक उन्हीं पैसों से सामान ला रहा है। डीएम षणमुगम की साधारण रहन सहन का इसी से अन्दाजा लगाया जा सकता है कि डीएम षणमुगम अपने कपड़ो को बगैर प्रेस (इस्त्री) करवाये ही कपड़ो को पहन कर फील्ड विजट पर चले जाते हैं। हाॅ इतना जरूर है कि वो अपनी सादगी का कभी कोई प्रचार नहीं करते हैं। यहाॅ तक कि डीएम षणमुगम अबतक फेसबुक आईडी का भी इस्तेमाल करते हैं।

सरकारी दूध की परिपाटी आज से 19 साल पहले राधा रतूड़ी ने बंद की थीं। जब वह टिहरी की डीएम थी। उन्होंने इसकी शुरुआत थीं। उन्होंने 15, 16 थैलियों की जगह एक दो थैली अपने पैसे से मंगाना शुरू किया था। तब हड़कंप मच गया था। आज राधा जी राज्य की अपर मुख्य सचिव हैं। वे आदर्श अफसर हैं। दरसहल, युवा अफसरों का इस तरह ईमानदारी से व्यवहार करना बहुत लंबी लकीर खिंचती है। और अफसरों को भी सबक मिलता है।
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शीशपाल गुसाईं जी कि फेसबुक वॉल से।
