सादगी व ईमानदारी की मिशाल! डीएम टिहरी षणमुगम ने अपने सरकारी आवास में आने वाला सरकारी ढूध कराया बन्द..

सादगी व ईमानदारी की मिशाल! डीएम टिहरी षणमुगम ने अपने सरकारी आवास में आने वाला सरकारी ढूध बन्द कराया। 
डीएम टिहरी वी षणमुगम
वाचस्पति रयाल। 
डीएम टिहरी वी षणमुगम ने अपने आवास में आने वाला सरकारी दूध बंद करा दिया है। अभी कुछ दिन पहले डीएम टिहरी वी षणमुगम टिहरी जिले के डीएम बने हैं। डीएम के आवास में दूध विभाग सदियों से एक दर्जन, या आधा दर्जन थैलियां दूध भिजवाता है। कुछ दिन पहले डीएम षणमुगम ने जब कुक से पूछा कि चाय का दूध कहाँ से आया ? तो कुक ने साफ-साफ बता दिया। जिसके बाद डीएम षणमुगम ने अगले दिन से ही कुक को सब्जियां, दालों ,आटे, चाय पत्ती, चीनी के साथ ही दूध लाने के लिए भी पैसे दिये।

अब कुक उन्हीं पैसों से सामान ला रहा है। डीएम षणमुगम की साधारण रहन सहन का इसी से अन्दाजा लगाया जा सकता है कि डीएम षणमुगम अपने कपड़ो को बगैर प्रेस (इस्त्री) करवाये ही कपड़ो को पहन कर फील्ड विजट पर चले जाते हैं। हाॅ इतना जरूर है कि वो अपनी सादगी का कभी कोई प्रचार नहीं करते हैं। यहाॅ तक कि डीएम षणमुगम अबतक फेसबुक आईडी का भी इस्तेमाल करते हैं। 
बीते दिनों प्रतापनगर में जब करीब 7 बजे सुबह दुखदः स्कूल वैन हादसा हुआ तो  डीएम षणमुगम अकेले ही 7ः45 तक मदननेगी में पहुच गये थे। वे डैम के ऊपर गए, जाखणीधार वाले रास्ते में ट्राली का ताला खुलवाया, और झील के उस पार मदननेगी (प्रतापनगर) पहुँच गए। यदि वे पीपल डाली से जाते तो काफी समय लगता। वहाॅ पहुँचते ही डीएम षणमुगम ने अपना कार्य संभाल लिया था। वहाँ आस-पास के ग्रामीणों की चीत्कार थीं। राजस्व विभाग का अमला पहले पहुँचा था। डीएम षणमुगम ने वहां अपनेे बाद आये पुलिसकर्मीयों से पूछा आप क्यों नहीं पहुँचे पहले ? किसी पुलिस एसआई ने चुभती हुई आवाज में जबाब दिया कि सर बर्दी पहनने में टाइम लगता है। डीएम ने कहा आप रेस्क्यू ऑपरेशन बगैर बर्दी के भी कर सकते थे ? कौन आपको रोकता ?  यही कारण था तीन अफसर सस्पेंड हुए। जब तक पुलिस आई, तब तक आस पास के ग्रमीणों ने बॉडी , और घायलों को निकाल दिया था। लेकिन मदन नेगी अस्पताल में कुछ नहीं था। वहाँ दीवारों पर काई जमी थीं। इसलिए जो मिला उसमें रैफर किये गए। 

सरकारी दूध की परिपाटी आज से 19 साल पहले राधा रतूड़ी ने बंद की थीं। जब वह टिहरी की डीएम थी। उन्होंने इसकी शुरुआत थीं। उन्होंने 15, 16 थैलियों की जगह एक दो थैली अपने पैसे से मंगाना शुरू किया था। तब हड़कंप मच गया था। आज राधा जी राज्य की अपर मुख्य सचिव हैं। वे आदर्श अफसर हैं। दरसहल, युवा अफसरों का इस तरह ईमानदारी से व्यवहार करना बहुत लंबी लकीर खिंचती है। और अफसरों को भी सबक मिलता है।
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शीशपाल गुसाईं जी कि फेसबुक वॉल से।

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