रूद्रप्रयाग के इस स्कूल को देख क्यों शंर्मिदा नही होते जिम्मेदार अधिकारी व नेता.! बना शराबी जुआरियों का अड्डा.!

रूद्रप्रयाग के इस स्कूल को देख क्यों शंर्मिदा नही होते जिम्मेदार अधिकारी व नेता.! बना शराबी जुआरियों का अड्डा.!
राजकीय प्राथमिक विद्यालय बेडूबगड की जर्जर हालात।
फोटो- राजकीय प्राथमिक विद्यालय बेडूबगड की जर्जर हालात। 
राजेश नेगी/ पहाड़ी खबरनामा। 
रूद्रप्रयाग। उत्तराखण्ड़ देश के उन चुनिंदा राज्यों में से है जो कि शिक्षा पर सबसे ज्यादा बजट खर्च करते हैं, इससे बाहरी तौर पर तो यह लगता है कि शिक्षा पर भारी बजट खर्च करने से यहाॅ की शिक्षा व्यवस्थाऐं चाक चोबन्द होंगी लेकिन है इसका ठीक उल्टा, अगर आपको प्रदेश के सरकारी स्कूलों के खस्ताहाल स्थिति को देखना हैं तो ज्यादा दूर नही रूद्रप्रयाग में अगस्तमुनि के राजकीय प्राथमिक विद्यालय बेडूबगड़ में देख लिजिए, शिक्षा व्यवस्था की पोल खुलकर रह जायेगी। 


रूद्रप्रयाग में अगस्तमुनि के राजकीय प्राथमिक विद्यालय बेडूबगड की ये जर्जर हो चुकी इमारत पर न ही शिक्षा विभाग के अधिकारियों की नजर पड़ती है, न ही शिक्षा मंत्री की और न हमारे जनप्रतिनिधियों की, लेकिन ये जर्जर भवन कब भर-भराकर नन्ने मुन्ने बच्चों व अध्यापकों के लिए आफत का सबक बन जाए कहा नही जा सकता, ऐसे में अब स्थानीय निवासी यहाॅ अपने बच्चों को भेजने से कतराने लगे हैं, हां नेपालियों ओर बाहरी प्रदेशों से आने वाले मजदूर वर्ग के बच्चे जरूर यहां मीड डे मील के सुविधा होने के कारण आ जाते हैं, प्रदेश भर के सरकारी विघालयों में सरकारी स्कूलों की छात्र संख्या अब इन बढ़ने वाली छात्र संख्या अब नेपालियों ओर बाहरी प्रदेशों से आने वाले मजदूर वर्ग के बच्चे संख्या पर निर्भर है, जिससे शिक्षा विभाग अपनी पीठ थपथपवा सके। 


राजकीय प्राथमिक विद्यालय बेडूबगड
फोटो 2- राजकीय प्राथमिक विद्यालय बेडूबगड की जर्जर हालात। 
राजकीय प्राथमिक विद्यालय बेडूबगड की भवन की स्थिति यह है कि यहाॅ छत टपक ही नही रही बल्कि टूटने को है, विद्यालय की कक्षाओं से लेकर बरामदें तक में पानी भरा हुआ रहता है, यही नही विद्यालय की जर्जर छत के टुकड़े कई बार अध्यापकों और बच्चों को चोटिल कभी कर चुके हैं, विद्यालय में जर्जर भवन, पेयजल व अन्य समस्याओं को लेकर प्रधानाध्यापिका नगर पंचायत, लोक निर्माण विभाग, पेयजल विभाग से लेकर शिक्षा विभाग डीएम कार्यालय और जनप्रतिनिधियों से गुहार लगा लगा कर थक चुकी हैं लेकिन कोई ऐसा नही जिसे इस विद्यालय की स्थिति पर अपनी जिम्मेदारी का अहसास हो या इस विघालय की जर्जर दशा देख उनका मन पीस जाए, ऐसे में सालों से इसी तरह सरकारी विद्यालय चल रहा है। और किसी बड़ी दुर्घटना को भी न्यौता दे रहा है। 


विद्यालय बना शराबी जुआरियों का अड्डा।
शिक्षा विभाग
फोटो 3- राजकीय प्राथमिक विद्यालय बेडूबगड की जर्जर हालात। 
रूद्रप्रयाग में अगस्तमुनि के राजकीय प्राथमिक विद्यालय बेडूबगड की इन हालातों के कारण अब स्थानीय लोगों ने तो यहाॅ मौत के मुह में अपने बच्चों को भेजना बन्द कर दिया है, लेकिन शाम को सुनसान होने पर यह विद्यालय अब आवारा पशुओं से लेकर शराबी व जुआरियों के लिए मुफिद जगह बन गयी है, स्कूल बन्द होते ही शराबी जुआरियों का यहाॅ जमघट लग जाता है, महफिलें भी सजती हैं, और जब दूसरे दिन स्कूल खुलता है तो शराब की खाली बोतलें व गन्दगी इस बात की गवाही देती हैं, स्कूल में नियुक्त अध्यापकों को बच्चों को पढाने के बजाए सुबह सबसे पहले गन्दगी साफ करनी पड़ती है। कई बार इस सम्बन्ध में भी शिकायत हुई लेकिन इस पर भी रोक नही लग पायी। 


सवाल यह उठता है कि शिक्षा विभाग के अधिकारियों से लेकर जिले के तमाम अधिकारी ओर खुद शिक्षा महकमा व जनप्रतिनिधि राजकीय प्राथमिक विद्यालय बेडूबगड की स्थिति को देख आखिर शर्मिदा क्यों नही होता, क्या उन्हें राजकीय प्राथमिक विद्यालय बेडूबगड की स्थिति का पता ही नही है या फिर पता होने के बावजूद भी इसे नजरअन्दाज कर दिया जाता है ऐसे में जर्जर भवन में चल रहा यह विद्यालय न जाने कब आपदा का शिकार होकर त्राहिमान मचा दे पता नही, लेकिन शायद अधिकारियोें और जनप्रतिनिधियों की नींद शायद उसी दिन टूटेगी। 



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