जशोदा राणा के दोबारा ताजपोशी पर उठाए कांग्रेस ने सवाल, नियमानुसार उपाध्यक्ष को मिलना था जिला पंचायत अध्यक्ष का जार्ज
![]() |
| सियासत का अखाड़ा बन गया है जिला पंचायत उत्तरकाशी |
पहाड़ी खबरनामा।
उत्तरकाशी। कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता प्रदीप भट्ट ने उत्तरकाशी जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर हो रही खींचतान को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए राज्य सरकार पर पक्षपात का आरोप लगाया है, उन्होंने कहा कि डबल इंजन की सरकार में लोकतंत्र की बखियाँ उखेड़ी जा रही है, नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं, उन्होंने कहा कि जिला पंचायत उत्तरकाशी सियासत का अखाड़ा बन गया है जहां पर लोग अपने निजी स्वार्थों की पूर्ति कर रहे हैं, शासन द्वारा आये दिन अध्यक्ष पद पर अलग अलग ब्यक्तियों की नियुक्ति के आदेश किये जा रहे हैं जिससे जनता में भ्रम की स्थिति बनी हुई है, उन्होंने कहा कि जशोदा राणा के निर्वाचन क्षेत्र कन्सेरु की मतदाता सूची से नाम हटाने के पश्चात वे जिला पंचायत अध्यक्ष के पद से पदमुक्त हो गयी थी, जिसके बाद नियमानुसार जिला पंचायत उपाध्यक्ष को पदभार दिया जाना चाहिए था, कांग्रेस प्रवक्ता प्रदीप भट्ट ने कहा कि पंचायतीराज अधिनियम की धारा 99 के तहत जिला पंचायत अध्यक्ष का पद रिक्त होने पर उपाध्यक्ष को कार्यभार दिए जाने का प्रावधान है , और यदि उपाध्यक्ष का पद भी रिक्त है तो शाशन समिति का गठन कर समिति के माध्यम से अध्यक्ष के कार्यों को संचालित किए जाने का नियम है।
किंतु सरकार ने जानबूझकर अधिनियम का उलंघन करते हुए शाशन स्तर से एक त्रिसदस्यीय समिति का गठन किया, जिसे माननीय उच्च न्यायालय ने नियम विरुद्ध मानते हुए त्रिसदस्यीय समिति को भंग कर दिया, कांग्रेस प्रवक्ता प्रदीप भट्ट ने सरकार से पूछा है कि 2019 प्रादेशिक निर्वाचन क्षेत्र की मतदाता सूची अभी अंतिम रूप से प्रकाशित नही हुई है, ऐसी स्थिति में शाशन द्वारा महज निर्वाचक गणना कार्ड में नाम जुड़ने से जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर जशोदा राणा को बहाल किया जाना क्या न्यायसंगत है..??, उन्होंने कहा कि सरकार को बिना भेदभाव के कार्य करना चाहिए तथा पंचायतीराज अधिनियम में निहित प्रावधानों का पालन करना चाहिए।
