किशोर अवस्था में शारीरिक बदलाव किशोरियों के लिए कष्टदायी, दून इण्टरनेशनल पब्लिक स्कूल में स्त्री रोग विषय पर कार्यशाला आयोजित
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| फोटो -आयोजित कार्यशाला में छात्राओं को जानकारी देतीं डा. वन्दना राजपूत। |
महेश पंवार/रायवाला।
स्त्री रोग विषय पर आधारित कार्यशाला के दौरान दून इण्टरनेशनल पब्लिक स्कूल की छात्राओं को स्वास्थ्य के प्रति सजग रहकर सामाजिक भ्रान्तियों से बचने की सलाह दी गई। इस दौरान छात्राओं ने सवाल-जबाव के माध्यम से स्त्री रोग और उनसे बचाव की विभिन्न लाभदायक जानकारियां हासिल कीं।
श्यामपुर स्थित दून इण्टरनेशनल पब्लिक स्कूल में छात्राओं को स्वास्थ्य के प्रति लाभप्रद शिक्षा देने के उद्देश्य से कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला का उद्घाटन स्कूल की प्रिन्सिपल डा. तनुजा पोखरियाल और स्त्री रोग विषेशज्ञ डा. वन्दना राजपूत ने संयुक्त रुप से किया। छात्राओं को संबोधित करते हुए डा. राजपूत ने कहा कि किशोर अवस्था में होने वाले शारीरिक बदलावों से लड़कियों को शारीरिक और मानसिक परेशानियों से जूझना पड़ता है। मासिक चक्र की शुरुआत के समय हार्मोन्स तेजी से परिवर्तित होते हैं, और ऐसे में शरीर में संक्रमण का खतरा ज्यादा बढ़ जाता है। किशोरियों को चाहिए कि वो ऐसे दिनों में शारीरिक स्वच्छता के प्रति विशेष सजग रहें। किशोर अवस्था के दौरान शरीर में होने वाले बदलावों, परेशानियों और उनसे बचावों पर डा. राजपूत ने बारीकी से प्रकाश डाला। कहा कि इन दिनों संतुलित और प्रोटीन युक्त भोजन करना अत्यन्त अनिवार्य होता है।
किशोरियों को चाहिए कि मानसिक तनाव न लेकर शरीर को आराम भी दें। सेमिनार में कक्षा 6 से 12 तक की छात्राओं ने प्रतिभाग किया। उन्होंने सवाल-जबाव के माध्यम से स्त्री रोग और उनसे बचाव के बावत विभिन्न लाभदायक जानकारियां हासिल कीं। स्कूल की प्रिन्सिपल डा. तनुजा पोखरियाल ने छात्राओं से आह्वान किया कि वो मासिक चक्र के दौरान होने वाली परेशानियों के मामले में सामाजिक भ्रान्तियों में न उलझकर चिकित्सक से परामर्श लें। सेमिनार में ब्ल्यू क्रोस लेबोरेटरी मुंबई के बिजनेस मैनेजर संजीव कुमार, पराग शर्मा, दिव्या पैन्यूली, शिखा भण्डारी, सविता जुयाल, निहारिका रावत, ज्योति नेगी, वन्दना असवाल, दीक्षा गुप्ता, मीना कोठारी, सुनीता कुकरेती, मीरा कोठारी, ज्योति उनियाल, कविता रयाल सहित स्कूली छात्राएं मौजूद रहीं।
