रूद्रप्रयाग- हर्षोल्लास के साथ मनाया गया शोर्य दिवस..
कुलदीप राणा ’आजाद’
रूद्रप्रयाग में आज कारगिल दिवस के उपलक्ष्य में मनाया गया शोर्य दिवस हर्षोल्लास के साथ मनाया गया, शोर्य दिवस के अवसर पर 10 जम्मू एण्ड कश्मीर राइफल्स के परिसर में कारगिल शहीदों को श्रद्वांजलि दी गयी, श्रद्धांजलि कार्यक्रम में शहीदों के परिजन, सैन्य अधिकारी, विधायक, डीएम समेत अधिकारियों और आम लोगों ने हिस्सा लेकर कारगिल शहीदों को अपनी श्रद्धांजलि दी, वही शोर्य दिवस के मौके पर पहुचे शहीद जनपदभर में शौर्य दिवस के रूप में हर्षोल्लास पूर्वक मनाया गया। इस अवसर पर जनपदभर में स्कूली छात्र-छात्राओं द्वारा रैली निकाली गयी।
जनपद में शौर्य दिवस बडे हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। इस अवसर पर 10 जैकलाई के प्रांगण में आयोजित मुख्य समारोह में विधायक रूद्रप्रयाग भरत सिंह चैधरी, केदारनाथ मनोज रावत ,सी ओ विवेक मजूमदार, जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल, एस पी अजय सिंह, पूर्व सैनिकों व अन्य लोगो ने कारगिल शहीदों को श्रद्धांजलि एवं श्रद्धासुमन अर्पित किये गये। वहीं स्कूली छात्राओं ने देश भक्ति से ओतप्रोत सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी। इस अवसर पर जिलाधिकारी व सी ओ जैकलाई ने कारगिल शहीदों के परिजनों को शाॅल ओढाकर व प्रेशर कुकर देकर सम्मानित किया।
समारोह के मुख्य अतिथि जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने कहा कि गढवाल राइफल के सैनिको ने कारगिल युद्व में अदम्य साहस का परिचय देकर देश की सुरक्षा की। इसके साथ ही आज भी भारतीय सेना सीमाओं में अपनी सेवा देकर देश की रक्षा कर रही है। हमारे सैनिकों द्वारा प्रत्येक समय निस्वार्थ भाव से देश की सुरक्षा का कार्य किया जाता है। यही बलिदान, निष्काम कर्म भाव सर्वोच्च देश भक्ति का प्रतीक है। उनका त्याग एवं बलिदान हमेशा प्रेरणा देता रहेगा कि हम अपने देशप्रदेश एवं समाज के लिये कुछ करें और भरोसा दिलाया कि हमारी सीमाएं सुरक्षित है और उनका बलिदान भावी पीढ़ी के लिए प्ररेणा का कार्य करेगा। कहा कि आज ही के दिन भारतीय सेना ने दुश्मनों के विरूद्ध ऐतिहासिक जीत हासिल की थी। उन्होने कहा सैनिकों द्वारा चलाये गये विजय आॅप्रेशन अभियान के लिए हम अपने सैनिको के द्वारा किये गये बलिदान व त्याग को याद करते है, जिन्होने विषम परिस्थतियों में कश्मीर के उच्च हिमालयी चोटियों से घुसपैठियों को खदेड भगाया। उन्होने कहा कि भारतीय सेना के जवानों ने अपने अदम्य साहस एवं बलिदान का परिचय देकर देश की रक्षा की। कहा कि जनपद के तीन रणवांकुरों ने कारगिल युद्ध में अपनी जान पर खेलते हुए देश की रक्षा की और जनपद का नाम रोशन किया, हमें उन शहीदों के परिवारों पर नाज है जिन्होंने देश को ऐसे सपूत दिये।
कार्यक्रम का संचालन करते हुए सहायक जिला सैनिक कल्याण एवं पुर्नवास अधिकारी रवीन्द्र सिंह रावत ने कहा कि 26 जुलाई 1999 के दिन कारगिल युद्ध की विजय पर शहीदों के सम्मान में शौर्य दिवस मनाया जाता हैं। कहा कि हमारे वीर सैनिकों के विषम भौगोलिक परिस्थितियों मंे कश्मीर की वर्फीली पहाड़ों की चोटियों में अपने प्राण को न्यौछावर कर याद दिलाया है कि भारत की सीमायें बिलकुल सुरक्षित हैं, और इसके लिये भले ही उन्हें अपने प्राणों की आहुति क्यों न देनी पडे, पर उनका बलिदान व्यर्थ न जाय। उन्होंने कहा कि 26 जुलाई 1999 के दिन भारतीय वीर सैनिकों ने कारगिल तथा द्रास सैक्टर की बहुत अधिक ऊॅचाई वाली पहाडियों को पाकिस्तानी घुसपैठियों से मुक्त कराया था।
इस युद्ध में गढ़वाल राइफल्स की तीन यूनिटों 10वीं, 17वीं एवं 18वीं गढ़वाल ने भाग लिया था। जोकि हम सभी के लिये बडे गर्व की बात है। इस युद्ध को सेना की भाषा में आपरेशन विजय के नाम से जाना जाता है। उन्होंने बताया कि इस युद्ध में 524 बीर सैनिकों ने अपना जीवन मातृ भूमि की रक्षा हेतु बलिदान दिया तथा 1363 सैनिक घायल हुए। अपना जीवन बलिदान देने वालों में 75 वीर सैनिक उत्तराखण्ड के थे, जिनमें से 03 शहीद सैनिक जनपद रूद्रप्रयाग के भी थे।
कार्यक्रम में कारगिल शहीद रा0मैन भगवान सिंह की पत्नी सुन्दरी देवी ग्राम क्यंूजा, शहीद नायक गोविन्द सिंह की पुत्री विजय राणा, शहीद सुनील दत्त कांडपाल के भाई कमल उपस्थित थे। शौर्य दिवस के उपलक्ष्य में 24 जुलाई को आयोजित निबन्ध एवं चित्रकला प्रतियोगिता में प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं को स्मृति चिन्ह भेंट व कार्यक्रम में देशभक्ति की प्रतियोगिता में प्रथम, द्वितीय व तृतीय व सांत्वना स्थान प्राप्त करने वाले बच्चों को सम्मानित किया। 25 जुलाई को शहीदों के नाम पर बाजार से गुलाबराय तक दौड़ लगाई गई थी जिसमें स्थान प्राप्त करने वाले बच्चो को पुरस्कृत किया गया।
इस अवसर पर जिला सैनिक कल्याण अधिकारी कर्नल आर0एल0 थापा, मुख्य विकास अधिकारी एस एस चैहान, मुख्य शिक्षा अधिकारी सी ऐन काला, जिला शिक्षााधिकारी माध्यमिक एल एस दानू, सैनिकों सहित जीआईसी, जीजीआईसी के छात्र-छात्राएं, शिक्षक एवं जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित थे।
