रूद्रप्रयाग- न स्कूल का पता न हुआ एडमिशन! मौन जुलूस निकाल धरने पर बैठे नौनिहाल..
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| मौन जुलूस निकाल धरने पर बैठे नौनिहाल |
कुलदीप राणा ’आजाद’
रूद्रप्रयाग। 31 जुलाई 2019 को बोर्ड परिक्षाओं के फार्म भरने के अन्तिम तिथि है लेकिन ताजुब्ब की बात ये है कि रूद्रप्रयाग के एक स्कूल के बच्चों का अब तक न एडमिशन का पता है और न ही स्कूल का, ऐसे में ये छात्र आज मुह पर पट्टी बांध मौन जुलूस निकाल सड़कों पर उतर आए और जिला मुख्य शिक्षा अधिकारी कार्यलय में अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गये।
बोर्ड परिक्षाओं के फार्म 31 जुलाई तक भरे जाने हैं और शिक्षा विभाग की लापरवाही तो देखिए कि बच्चों के अबतक स्कूल का पता है न एडमिशम हुआ है, ऐसे में रूद्रप्रयाग में बौंठा और तूना के बच्चों और अभिभावकों ने जिला मुख्यालय में मौन जलूस निकाल शिक्षा विभाग के खिलाफ प्रर्दशन कर बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ का आरोप लगाया, जिसके बाद बच्चों और अभिभावकोें ने जिला मुख्य शिक्षा अधिकारी के कार्यालय में अनिश्चितकाली धरने पर बैठ गये।
रूद्रप्रयाग में दरअसल शिक्षा विभाग द्वारा 30 से कम छात्र संख्या वाले 5 हाईस्कूल को बन्द कर उनका अन्य विद्यालयों में विलय किया जा रहा है, इसी के तहत बौंठा और तूना में बने राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय तूना का इण्टर काॅलेज ग्वेफड में विलय किया जाना है, जो अभी तक शासन में लम्बित है, ऐसे में छात्र न तो राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय तूना में एडमीशन करवा पा रहे हैं और न ही इण्टर काॅलेज गौफल्ड में, जबकि बोर्ड परीक्षाओं के फार्म भरने की 31 जुलाई अन्तिम तिथि है, ग्रामीणों की मांग है कि राजकीय उच्चतर महाविद्यालय तूना का विनिनिकरण न किया जाए।
वही जिला मुख्य शिक्षा अधिकारी चित्रानन्द काला का कहना है कि उन्होंने शासन को पुर्नविचार के लिए प्रस्ताव भेजा है जिस पर दो से तीन दिनों में फैसला होना है, क्योकि 31 जुलाई को बोर्ड परीक्षाओं के फार्म भरने की अन्तिम तिथि है। सरकारी शिक्षा व्यवस्था को ढर्रे पर लाने के सरकार लाख ढोल क्यों ना पीटे लेकिन सही इंजाम औ अध्यापकों के अभाव में लोग प्राइवेट विद्यालयों का रूख कर रहे हैं, जिस कारण सूबे की सैकड़ों विद्यालय या तो बंद हो चुके हैं या फिर बंदी की कगार पर खडे हैं। ऐसे में पहाड के उन गरीब बच्चों को सबसे अधिक दिक्कत होती है जो आर्थिक रूप से कमजोर होने के कारण प्राइवेट विद्यालयों में दाखिला नहीं ले सकते।
