जिम्मेदार कौन! आलवेदर रोड से गिरे बोल्डर से गरीब दलेब सिंह हो गया बे-घर, चार कमरों का मकान तहस नहस...
वाचस्पति रयाल।
नरेन्द्र नगर में आलवेदर रोड़ में निर्माण एजेन्सी की लापरवाही एक गरीब पर भारी पड़ गयी, गरीब का आलवेदर रोड निर्माण से चार कमरों का मकान तहस नहस हो गया, मकान के साथ ही लैट्रिन ,कीचन, बाथरूम बरामदा सहित तीन कमरों वाला मकान जमीदोज हो गया, गनीमत रही कि गरीब ने अपनी जान जैसे कैसे बचा ली, दिल्ली बैठक में शामिल होने गए क्षेत्रीय विधायक व प्रदेश के कृषि मंत्री सुबोध उनियाल ने सूचना मिलते ही दूरभाष पर जिलाधिकारी व बीआरओ के अधिकारियों से वार्ता कर निर्देशित किया की घटना से प्रभावित परिवारों के मुआवजे की फाइल तुरंत तैयार की जाए ताकि उनके नुकसान की मुआवजे की भरपाई की जा सके।
ब्लॉक मुख्यालय फकोट के पास रोड के ऊपर से पलटे भारी भरकम बोल्डर दलेब सिंह नेगी के 3 कमरों वाले मकान को तहस-नहस करते हुए दूर कहीं खाई में समा गया और अपनी जिंदगी की सारी कमाई इस मकान को बनाने में लगा चुके बुजुर्ग दलेब सिंह नेगी आज सहित परिवार के सड़क पर आ गया। गनीमत यह रही कि बड़ी बॉर्डर से पहले मकान पर गिरे छोटी पत्थर से चैकन्ना दलेब सिंह खतरे की आशंका को भांपते हुए, जैसे ही मकान से बाहर भागा ही था कि मकान पर गिरे भारी बोल्डर ने मकान तहस-नहस करने के साथ दूर तक धरती को हिला कर रख दिया।
ऋषिकेश- गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच 9 4 )पर फकोट के पास ऑल वेदर रोड निर्माण का काम चल रहा है। बताया गया कि यहां पर काम गावर कंस्ट्रक्शन कंपनी करा रही है। इस भारी-भरकम बोल्डर के नीचे कटिंग करने से हटाई गई मिट्टी के कारण बोल्डर के नीचे की जगह खाली हो गई थी जिसके कारण बोल्डर तेजी से पलट कर मकान को मिट्टी में मिलाते हुए दूर कहीं खाई में समा गया। घटना की सूचना पाते ही उपजिलाधिकारी युक्ता मिश्र, तहसीलदार दयाल सिंह भंडारी व पुलिस प्रशासन मौके पर पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया तथा डेढ़ घंटे की बड़ी मशक्कत के बाद जेसीबी से रोड का मलवा हटा कर याता-यात बहाल हो पाया।
उधर इस घटना की सूचना मिलते ही दिल्ली बैठक में शामिल होने गए क्षेत्रीय विधायक व प्रदेश के कृषि मंत्री सुबोध उनियाल ने दूरभाष पर ही जिलाधिकारी व बीआरओ के अधिकारियों से वार्ता करते हुए घटना की जानकारी प्राप्त की व निर्देश दिए की घटना से प्रभावित परिवारों के मकानों के मुआवजे की फाइल तत्काल तैयार की जाए ताकि प्रभावितों को नुकसान के मुआवजे की भरपाई समय से की जा सके।
दलेब सिंह नेगी व उसके पुत्र तू तो बेघर हो गये, मगर इनके मकान के बगल में वेद प्रकाश सिलस्वाल का मकान भी इस कदर हिला कि उसकी एक दीवार पर तो कई दरारें पड़ गई हैं, और कई जगह ईंटें उखड़ गयी हैं। इस घटना की खबर मिलते ही पूर्व विधायक ओम गोपाल रावत तथा पूर्व ब्लाक प्रमुख वीरेंद्र सिंह कंडारी मौके पर पहुंचे और प्रभावितों को आश्वस्त किया कि उनकी हक की लड़ाई में वे उनके साथ खडे हैं।
घटनास्थल पर पहुंची उप जिला अधिकारी युक्ता मिश्र से दलेब सिंह के पुत्रों तथा जनप्रतिनिधियों ने एनएच पर काम कर रही कंपनी से मुआवजा दिलाये जाने की मांग की। इस दौरान एनएच पर काम कर रही कंपनियों के खिलाफ लोग इतना आक्रोशित थे कि हंगामे के बीच पूर्व विधायक ओम गोपाल रावत तथा उप जिलाधिकारी युक्ता मिश्र में हुई बहस नोक-झोंक में तब्दील हो गई। पूर्व विधायक ओम गोपाल रावत ने एनएच पर निर्माण कार्य कर रही गावर कंस्ट्रक्शन कंपनी की दादागिरी व मनमानी पर रोक लगाने की बात कही। कंस्ट्रक्शन कंपनी के विरुद्ध भड़के लोग हंगामे के बीच यह कहते भी सुने गए कि कंपनी का लाइसेंस जब्त किया जाए और कंपनी को ब्लैक लिस्टेड किया जाए।
मानना तो पड़ेगा ही कि ऑल वेदर रोड पर काम कर रही कंस्ट्रक्शन कंपनियां अपनी मनमानी और सहूलियत के हिसाब से निर्माण कार्य करने की वजह से परेशानियां पैदा हो रही हैं, कंपनी की लापरवाही से एक गरीब बेघर हो गया, और उसकी जान जाते जाते बची, ऐसे में क्या गारन्टी है कि आगे ऐसा नही होगा।

