जखोली मनरेगा कर्मिर्यो और अधिकारियों के बीच हो रही महाभारत! आरोप-प्रत्यारोप जारी...
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| सांकेतिक फोटो- मनरेगा में महाभारत |
रामरतन सिंह पंवार/जखोली।
जखोली खंड विकास कार्यालय मे विगत दो माह से खंड विकास अधिकारी व मनरेगा कर्मचारियों के बीच महाभारत युद्ध जैसा माहौल बना है। जखोली में मनरेगा कर्मीयों और उपकार्यक्रम अधिकारी के बीच तनातनी का महौल बना हुआ है जिसका सीधा असर मरनेगा के कार्यो पर पड़ता दिख रहा है, और पूरे विकासखण्ड में मनरेगा के कार्य प्रभावित होते नजर आ रहे हैं।
मनरेगा कर्मचारी इसका कारण मनरेगा मे तैनात उपकार्यक्रम अधिकारी शिवानंद उनियाल को मान रहे हैं। मनरेगा कर्मचारियों का कहना है कि पिछले कुछ माह से विकास खंड की न्यून प्रगति का जिम्मेदार उपकार्यक्रम अधिकारी शिवानंद उनियाल है। मरनेगा कर्मीयों का कहना है कि इसकी लिखित शिकायत पिछले माह 27 जून को जखोली मे संपन क्षेत्र पंचायत की बैठक मे जिलाधिकारी रूद्रप्रयाग को उपकार्यक्रम अधिकारी शिवानंद उनियाल को अन्यंत्र स्थान्तरित करने हेतु दी गयी थी। बी डी सी बैठक मे प्रमुखता से प्रतिनिधियों के द्वारा भी इस विषय को उठाया गया था, मनरेगा कर्मियों का आरोप है कि उपकार्यक्रम अधिकारी के द्वारा उनका मानसिक तनाव बढाया जा रहा। जिससे परेशान होकर मनरेगा कर्मियों ने पुनः खंडविकास अधिकारी के प्रतांडित किये जाने व डीपीओ के स्थानंरण को लेकर 5/07/2019 को बिना हस्ताक्षर किए पत्र जिलाधिकारी को भी भेजा था।
मनरेगा कर्मियों को पूछे जाने पर कि पत्र मे हस्ताक्षर क्यो नही किये गये तो जबाव मिला कि हस्ताक्षर न करने का मुख्य कारण कि जिसके हस्ताक्षर पत्र मे मिलते उन्हें सबसे अधिक मानसिक तनाव का सामना करना पड़ता। मनरेगा कर्मी वरुण रावत, हरिकृष्ण पंत,मनोज, हरीश सेमवाल, गिरीश सेमवाल, कुलदीप, किरन, स्नेहलता, आदि लोगों ने बताया कि जनप्रतिनिधियों व जनता के द्वारा उपकार्यक्रम अधिकारी के स्थानांतरण की मांग की गई थी। मगर डीपीओ का स्थानांतरण न करके मनरेगा कर्मियों का स्थानांतरण किया गया। जिसमें से अधिकतर कर्मिको को वर्तमान न्याय पंचायत से 80 से 150 किलोमीटर दूर भेजा गया। उन्होंने कहा कि यदि वास्तव मे शिकायतें थी अथवा कर्मिको के द्वारा काम नही किया जा रहा था तो स्थानंरण करने से पूर्व उनके शिकायतो की जांच क्यो नही की गयी। फिर एक बात और सामने आती हैं कि जब जनप्रतिनिधियों ने खंडविकास अधिकारी से मनरेगा कर्मियों की स्थानंतरण की बात की तो क्यो अब फिर वही जनप्रतिनिधि अपने पत्र मे स्थानंतरण यथावत रखने का हवाला दे रहे हैं।
मनरेगा कर्मियों ने सीधे खंडविकास अधिकारी के एस सजवाण पर द्वेष की भावना के चलते मनरेगा कर्मियों का स्थानांतरण किया है। बताया जा रहा है कि 12 जुलाई से अभी तक जेई के द्वारा कार्यो के स्टीमेट भी नही बनाये गये है। और खंडविकास अधिकारी कह रहे हैं कि कार्य में प्रगति लाओ क्या ऐसे में विकास कार्यों मे प्रगति आ सकती है। अभी तक अवर अभियंताओं के पासवर्ड भी चेंज नही हो पाये। जिससे कार्य करने मे भारी परेशानियों हो रही है। यहां तक कि मनरेगा कर्मचारी नौ माह से अपने मानदेय की भी मांग कर रहे हैं। लेकिन उनको मानदेय नही दिया जा रहा है जिससे साफ ये प्रतीत होता है कि जखोली खंडविकास कार्यालय मे भी राजनीति होने लगी है जो कि विकास कार्यों प्रति शुभ संकेत नहीं है।
क्या कहते हैं मनरेगाकर्मी
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मनरेगा रोजगार सेवक के जिलाध्यक्ष मनोज कुमार का कहना है कि उपकार्यक्रम अधिकारी व खंडविकास अधिकारी की मिली भगत से रोजगार सेवकों का स्थानांतरण किया गया। क्योकि डी पी ओ के द्वारा मास्टररोल पर मनरेगा मजदूरों के मोबाइल नंबर मांगे जा रहे हैं जिसका हमने बिरोध किया, अगर किसी गरीब के पास मोबाइल फोन नही होंगे, तो कहां से नंबर आयेगे दूसरी बात मनरेगा कर्मियों को नौ महिने से मानदेय भी नही दिया गया जबकि भी डी ओ के खाते मे तीन लाख जमा हैं। यही ही नही खंडविकास अधिकारी डी पी ओ को बचाने के पक्षधर है दोनो की मिली भगत से मनरेगा कर्मियों का उत्पीड़न किया जा रहा है- मनोज कुमार, अध्यक्ष, मनरेगा रोजगार सेवक संघ, जखोली।
क्या कहते हैं खण्ड विकास अधिकारी
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जखोली के खंडविकास अधिकारी के एस सजवाण का कहना है कि मनरेगा के कुछ कर्मियों के द्वारा डी पी ओ के स्थानांतरण हेतू लिखित रूप मे शिकायत जिलाधिकारी महोदय को कुछ पंचायत प्रतिनिधियों की मुहर लगवा कर दी गयी थी जो कि सरासर गलत था। मनरेगा कर्मियों न कोई भी मानसिक उत्पीड़न नही किया गया वे इसलिए नाराज थे कि डी पी ओ के द्वारा मनरेगा कर्मियों मे गांवो मे विकास कार्यों के प्रति गुणवत्ता लाने की बात कही है क्योंकि कई कार्य मे शिकायते आ रही है जिसे लेकर डी पी ओ सख्त रूख अपनाये हुए थे। निर्माण कार्यों से संबंधित पत्रावलियों मे भी कमिया पायी गयी जिनको यथाशीघ्र सुधारने की भी बात कही गयी, जहां तक डी पी ओ के स्थानांतरण हेतू पत्र मे प्रधानो के द्वारा जो मुहरे लगायी गयी थी, उस मामले में भी खंडविकास अधिकारी का कहना है कुछ जनप्रतिनिधि मेरे पास आये थे और कहा कि हमे गुमराह किया गया है। वही मनरेगा कर्मियों का स्थानांतरण करना भी जरूरी था क्योकि एक ही न्याय पंचायत मे आठ-आठ काम कर रहे है। यह भी की विकास कार्यो मे प्रगति लायी जा सके तथा कार्य मे अनियमितताएं व भ्रष्टाचार न हो क्योकि मनरेगा मे कमीशनखोरी की भी शिकायते आ रही थी- के एस सजवाण, खण्ड विकास अधिकारी जखोली।
