हरीश थपलियाल।।। उत्तरकाशी में भ्रूण लिंगानुपात को लेकर उत्तरकाशी जनपद में मचे हड़कंप के बीच अब स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन खुद को इस पूरे मामले से बचाने की जुगत में लग गया है। जिले के जिम्मेदार अधिकारी भी इसमें अब कुछ कहने से बच रहे हैं।। वहीं आशा कार्यकर्ताओं ने भी जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की ओर से कुछ दिन पहले जारी किए गए आंकड़ों को गलत ठहराया है।। उत्तरकाशी के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. डीपी जोशी ने कहा कि पिछले तीन माह में भ्रूण लिंगानुपात को लेकर जो आंकड़े आए हैं। उन्हें लगता है कि उन आंकड़ों को सही ढंग से जांचा-परखा नहीं गया है। मातृ प्रजनन एवं बाल स्वास्थ्य की तिमाही रिपोर्ट है उसके अनुसार आंकड़े सही है। जिसमें तीन माह को भ्रूण लिंगानुपात 1024 आ रहा है। जो काफी बेहतर।।
इस पूरे मामले पर प्रशासन की किरकिरी तो हुई ही है लेकिन गिरते लिंगानुपात मामले में जो आंकड़े दर्शाये गए कि 133 गांव में एक भी लड़की नही जन्मी।
इस अद्भुत आंकड़े ने तो स्वास्थ्य महकमे के एएनएम और आशाकत्रियों के कार्यों पर सवाल खड़े किए हैं।।
जिससे आशा कार्यकत्रियों और एएनएम का मनोबल गिरा है।
