उत्तरकाशी: सहेजेंगे जल को तो पीढ़ियां होंगी जलाजल

कृषि विज्ञान केंद्र
हरीश थपलियाल।
उत्तरकाशी स्थित चिन्यालीसौड़ में कृषि विज्ञान केंद्र में  जल शक्ति अभियान के तहत मंगलवार को जल शक्ति एवं स्वच्छता, संचयन और पौधरोपण कार्यक्रम हुआ। कार्यक्रम के मुख्यतिथि मुख्य-विकास अधिकारी प्रशांत आर्य थे।  इस दौरान केवीके से प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके 40 कृषि  प्रसार  सेवा प्रदाताओं को प्रमाण पत्र वितरित किये गए।  सीडीओ प्रशांत आर्य ने कहा कि जल शक्ति अभियान को गंभीरता से लेना चाहिए।। इस अभियान के अंतर्गत जल संरक्षण के कार्य तो जिले भर में होंगे ही। साथ ही पौधारोपण का कार्य भी जारी रखना चाहिए।। उन्होंने बताया कि जितने ज्यादा पौधे लगाएंगे उतनी ही अधिक बारिश भी होगी।।

भारतीय मृदा एवं जल संरक्षण संस्थान देहरादून के प्रधान वैज्ञानिक डॉ अम्बरीष कुमार ने जल संचयन के मौके पर बताया कि जल संरक्षण के पानी को उपयोग में लाना जरूरी है। साथ ही उन्होंने जल संरक्षण के बिंदुओ पर जोर दिया। केवीके के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ पंकज नौटियाल ने  कहा की  इस भूमि पर यदि 12 मिमी बारिश होती है तो 7200 लीटर पानी उपलब्ध होगा है। 

इसमें से विभिन्न तरह से नुकसान के बाद भी करीब 1 लाख लीटर पानी भूगर्भ जल स्तर में समाहित होने लगेगा। इस तरह से जब जल को सहेजेंगे तो कल सुरक्षित होगा और हमारी आगे आने वाली पीढियां जलाजल हो जाएगीं। इस मौके पर केवीके के वैज्ञानिक गौरव पपनै सहित जिला स्तरिय अधिकारियों ने भी किसानों को जानकारी दी।

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