जखोली - साहब आखिर आपकों क्यों नही दिखते सड़क में ये जानलेवा गढढ़े हादसों को दे रहे न्यौता !
![]() |
| फोटो- मयाली-जखोली मोटरमार्ग में हुए गढ़ढे हादसों को दे रहे है न्यौता। |
रामरतन पंवार / जखोली।
अब इसे सरकारी तन्त्र की उदासिनता कहें या लाचारी कि जिस सड़क से रोजाना जखोली तहसील, विकासखण्ड ओर तमाम विभागों के अधिकारी गुजरते हैं उस सड़क की सालों से डामरीकरण नही हुआ और उसमें बड़े-बडे गढढे हो चुके हैं लेकिन ये गढ़ढे न ही परगना के उपजिलाधिकारी को दिख रहे हैं और न ही एडीबी के इंजीनियर्स को, ऐसे में रोजाना आंख बन्द कर अधिकारी इन गढढों से आवागमन करते हैं।
मयाली-जखोली मोटर मार्ग जखोली क्षेत्र का सबसे वीआईपी सडक है, वीआईपी सड़क इसलिए क्योंकि तहसील, विकासखण्ड समेत तमाम विभागों के अधिकारी रोजना इस सड़क से गुजरते हैं, मयाली से जखोली विकासखंड की दूरी लगभग 8 किलोमीटर है, लेकिन मोटर मार्ग की हालत जगह जगह दयनीय बनी हुई है, आपको बतादें कि मयाली-जखोली मोटर मार्ग पर मुख्यालय जखोली तक एडीबी द्वारा वर्षो पहले डामरीकरण करवाया गया था, इसके बाद एडीबी के अधिकारी तो जैसे इस सड़क को भूल ही गये।
मयाली-जखोली मोटर मार्ग में गड्ढे इतने बड़े है कि हर क्षण हादसों का अंदेशा बना रहता है, आलम यह है कि ये गड्ढे मोटर मार्ग पर लगभग एक साल से पड़े हुए हैं। ये सड़क एडीबी के पास है लेकिन एडीबी न ही यहाॅ स्वयं इन गढ़ढों को भरवाने का काम कर रही है और नही ही एडीबी ने मोटर मार्ग को लोक निर्माण विभाग को हस्तांतरित किया, ताकि एडीबी न सही कम से कम लोक निर्माण विभाग तो सड़क को आवागमन लायक गढढा मुक्त कर सके।
पूर्व क्षेत्र पंचायत सदस्य दिनेश पंवार, मयाली के प्रधान हरीश पुंडीर, कोठियाड़ा के प्रधान हाथीराम कोठारी तथा जखोली के उप जेष्ट प्रमुख चैन सिंह पंवार ने बताया कि विकास खंड जखोली मे जिलाधिकारी रूद्रप्रयाग सहित तमाम जनपदीय अधिकारियों का जखोली मुख्यालय आना जाना रहता है, मगर इनको ये मौत के गड्ढे नजर नही आते है। जनप्रतिनिधियों का कहना है कि मयाली-जखोली मोटर मार्ग पर लाखो रूपए की लागत से करवाया गया डामरीकरण पांच साल भी न टिक पाना भ्रष्टाचार को उजागर करता है जिसकी जांच होनी चाहिए।
