![]() |
| फोटो- नैनीताल में अस्पताल में लाईन में खड़ी डीएम सविन बंसल की पत्नी सुरभि बंसल। |
डीएम सविन बंसल की पत्नी सुरभि बंसल शुक्रवार को आम नागरिक की तरह बिना अपनी पहचान बताये अपने 10 माह के बच्चे को दिखाने जिला मुख्यालय स्थित बीडी पांडे जिला पुरुष चिकित्सालय पहुंचीं तो वहां की अव्यवस्थाएं तार-तार हो बेपर्दा हो गयीं, कि यहां चिकित्सक किस तरह अपने कक्ष से नदारद रहते हैं और दुःख-तकलीफ की स्थितियों में पहुंचे आम नागरिकों से किस तरह का व्यवहार करते हैं। यहां तक कि अपने कक्ष से गायब चिकित्सक ने तो डीएम की पत्नी को डपट ही दिया कि जब कक्ष में चिकित्सक नहीं थे, तो वे कक्ष में भीतर कैसे आ गयीं।
हुआ यूँ कि डीएम सविन बंसल की पत्नी पुत्र सनव को बाल रोग चिकित्सक को दिखाने बीडी पांडे जिला चिकित्सालय पहुंचीं थी। इस दौरान उनके साथ केवल एक सुरक्षा कर्मी, बिना वर्दी के था, साथ ही डीएम के भी अभी जनपद में नये आये होने की वजह से भी उन्हें चिकित्सालय में कोई नहीं जानता था। इस दौरान उन्होंने आम नागरिकों की तरह जिला पुरुष चिकित्सालय के पंजीकरण काउंटर में लाइन में खड़े होकर बच्चे के नाम की पर्ची ली। यहां से उन्हें बताया गया कि बच्चे को दिखाने के लिए नीचे, गेट के पास के ब्लड बैंक वाले खंड के निचले तल में बाल रोग को दिखाएं। सुरभि वहां पहुंचीं तो बाल रोग विशेषज्ञ अपने कक्ष में नहीं थे।
वहां से पूछे जाने पर बताया गया कि ऊपर मुख्य भवन में पर्ची काउंटर के सामने ही बाल रोग विशेषज्ञ डा. एमएस रावत देखेंगे। यानी पर्ची काउंटर से सही जानकारी नहीं मिली। यहां डा. रावत को दिखाने के बाद उन्हें बच्चे को एलर्जी की शिकायत चर्म रोग विशेषज्ञ को दिखाने की सलाह दी गयी। पर्ची काउंटर के बगल के कक्ष के बाहर चर्म रोग विशेषज्ञ का बोर्ड लगा था किंतु वहां चिकित्सक नहीं थे। पूछने पर बताया गया कि चर्म रोग विशेषज्ञ डा. अजय नैथानी नये वाले खंड में बैठते हैं। बच्चे को गोद में लेकर वे वहां गईं तो वहां भी चिकित्सक अपने कक्ष में नहीं थे। तब तक बाल रोग विशेषज्ञ को अंदाजा हो गया था कि वे कोई ‘वीआईपी’ हैं। पता चलने पर वे खुद डा. नैथानी को कहीं से ढूंढ-बुला कर अपनी सीट पर ले कर आये, लेकिन डा. नैथानी ने सुरभि को यह कहते हुए डपट दिया कि जब चिकित्सक कक्ष में नहीं थे तो वे भीतर कैसे चली आईं।
पूरे मामले में डीएम सविन बंसल ने कहा कि जिला चिकित्सालय का इसी तरह औचक निरीक्षण करवाएंगे। इससे पता चलता है कि चिकित्सालय की व्यवस्थाएं व चिकित्सकों का आम मरीजों के प्रति कैसा व्यवहार है। पुनरावृत्ति पाये जाने पर चिकित्सकों के खिलाफ कार्रवाई भी की जा सकती है।
साभार-हल्द्वानी मीडिया केंद्र
