देखे VIDEO : शिक्षा मंत्री ने आखिर क्यों कहा दोे दिन में नही हुई कार्यवाही तो हो जाओगे सस्पेंड..!

फोटो-जनता दरबार में कैबिनेट मंत्री अरविंद पांडे से अपना पक्ष रखते पूर्व उप प्रधान नंद किशोर कंडवाल। 
जानिए आखिर क्यों लगाई मंत्री जी ने डीपीआरओ को फटकार! कहा दो दिन में नही हुई दोषियों पर कार्यवाही तो हो जाओगे सस्पेंड, प्रतीतनगर दुकान निर्माण और आवंटन मामले में धांधली की बात पर नाराज हो गए कैंद्रीय मंत्री अरविंद पांडे
महेश पंवार
रायवाला। प्रतीतनगर में दुकानों के निर्माण और आवंटन मामले में कैबिनेट मंत्री अरविंद पांडे ने जिला पंचायत राज अधिकारी जफर खान को फटकार लगाई। उन्होने कहा कि वह दो दिन के भीतर मामले की जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाही करें। ऐसा न करने की सूरत में उन्होने डीपीआरओ को सस्पेंड कर देने की चेतावनी भी दे दी।मौके का पूरा विडियो पहाड़ी खबरनामा के पास है, तो आप भी देखिए क्या कहा शिक्षा मंत्री अरविन्द पाण्डेय ने डीपीआरओ से देखिए पूरा विडियो Video..
देखें Video डीपीआरओ को सस्पेड़ होने की चेतावनी देते शिक्षा मंत्री अरविन्द पाण्डेय
कैबिनेट मंत्री अरविंद पांडे ने डीपीआरओ को उस समय फटकार लगा दी जब प्रतीतनगर निवासी नंदकिशोर कंडवाल ने उन्हें बताया कि प्रतीतनगर में हाइवे प्रभावितों के लिए दुकानों के निर्माण व आवंटन में धांधली में उनकी शिकायत पर अधिकारी उनको गुमराह कर रहे हैं। साथ ही उनको तीन साल से जांच के नाम पर गुमराह किया जा रहा है। इसके बाद मंत्री ने जनता दरबार में ही डीपीआरओ जफर खान को फटकार लगा दी। उन्होने दो दिन के भीतर कार्यवाही न करने की सूरत में डीपीआरओं को सस्पेंड करने की चेतावनी भी दी। मामला सोमवार का है जब देहरादून स्थित भाजपा कार्यालय में आयोजित जनता दरबार में कैबिनेट मंत्री अरविंद पांडे जनता की समस्याएं सुन रहे थे। प्रतीतनगर के पूर्व उपप्रधान नंद किशोर कंडवाल भी अपनी समस्या को लेकर जनता दरबार पहुंचे हुए थे। कंडवाल ने मंत्री जी को पूरे मामले की जानकारी दी ओर उनको मामले से सम्बन्धित दस्तावेज भी दिखाए। कंडवाल ने मंत्री जी को बताया कि दुकानों के निर्माण और आवंटन में बड़ा घोटाला हुआ हैं। उन्होने बताया कि उक्त घोटाले की जांच की मांग को लेकर मैं पिछले तीन साल से अधिकारियों के चक्कर काट रहा हूं लेकिन अधिकारी जांच की बात कह कर उनको गुमराह कर रहे हैं। आरोप है कि पूरे मामले में ग्राम प्रधान प्रतीतनगर, प्रधानपति व तत्कालीन ग्राम पंचायत विकास अधिकारी की भूमिका संदिग्ध है जिसकी जांच होनी अति आवश्यक है। मंत्री जी को जैसे ही इस बात का पता चला वह इस बात पर सख्त नाराज हुए उन्होने मौके पर उपस्थित जिला पंचायत राज अधिकारी जफर खान को फटकार लगाई और दो दिन के भीतर दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही कर रिपोर्ट सौंपने को कहा। उन्होंने जिला पंचायत राज अधिकारी को चेताया कि मामले में लापरवाही बरतने पर उनके खिलाफ निलंबन की कार्यवाही कर दी जाएगी।

यह है पूरा मामला हरिद्वार-दून हाइवे चैड़ीकरण के बाद गांव के शिक्षित और बेरोजगारों को रोजगार देने के लिए पंचायत ने 26 दुकानें बनाने का प्रस्ताव बनाया था। जिसके बाद जिला पंचायत राज अधिकारी के आदेश के अनुसार पहले लाटरी सिस्टम से किराएदारों का चयन करना और फिर चयनित प्रत्येक दुकानदार से दो लाख रूपये धरोहर राशि पंचायत के खाते में जमा कराने के बाद दुकानों का निर्माण कार्य शुरू कराने को कहा गया था। आदेश के अनुसार इस प्रक्रिया को समाचार पत्रों, पंचायत की बैठक व सूचना पट के माध्यम से प्रत्येक प्रभावित दुकानदार व शिक्षित बेरोजगार को दी जानी थी। ताकि लाटरी प्रक्रिया में पारदर्शिता बनी रहे और अधिक से अधिक लोग हिस्सा ले सकें। लेकिन पंचायत ने लाॅटरी कराए बिना ही दुकानों का निर्माण व आवंटन भी कर दिया। दुकानों के आवंटन के दौरान किसी भी सक्षम अधिकारी को नही बुलाया गया।


पहले भी हो चुकी है मामले की जांच
रायवाला। 2017 में हुई जांच में यह स्पष्ट हो गया था कि ग्राम पंचायत प्रतीतनगर ने जिला पंचायत राज अधिकारी के आदेशों को ताक पर रख कर लाटरी कराए बगैर ही छह दुकानें बना दी। इनमें से तीन का आवंटन भी कर दिया गया है। जांच में यह बात भी सामने आई कि दुकानों के निर्माण में नियम विरुद्ध 14वें वित्त का पैसा लगाया गया है और निर्माण कार्य के दौरान पैसे का भुगतान कार्यदायी संस्था या पंजीकृत ठेकेदार के नाम पर भी नहीं हुआ है।

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