देखिए VIDEO - हम क्यों करें संकोच! जब हमसे सुन्दर गढ़वाली बोलते है एनएसए अजीत डोभाल..!

भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल का ठेठ पहाड़ी अन्दाज से गढवाली होने पर गर्व करेंगे आप भी....
अजीत डोभाल
 हम क्यों करें संकोच! जब हमसे सुन्दर गढ़वाली बोलते है एनएसए अजीत डोभाल
हरीश चन्द्र 
पौड़ी। भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल दोबारा का अपने गावं में ठेठ पहाड़ी अन्दाज देखने को मिला है, निजी दौरे पर कल अपने पैतृक गांव घीड़ी पहुंचे राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल वर्षोें से गढ़वाल से दूर रहने के बाद भी अपने ठेठ पहाड़ी अन्दाज नही भूले हैं, बीते रोज जब एनएसए अजीत डोभाल अपने गांव पहुचे तो सबसे पहले एक ठेठ पहाड़ी की तरह अपनी कुलदेवी के मंदिर में एनएसए अजीत डोभाल ने की पूजा अर्चना की, और उसके बाद कुलदेवी को एक लाख रुपये का चढ़ावा भी चढाया जिसके बाद उन्होने अपने गांव के लोगों से ठेठ गढ़वाली अन्दाज में बातचीत की, गांव की समस्याओं को सुना और गढ़वाली में ही उनका समाधान भी दिया, अब सबसे पहले आप देखिए एनएसए अजित डोभाल का ठेठ गढ़वाली अन्दाज
इस विडियो को देखने के बाद आज भी जरूर सोचने को मजबूर होंगे कि जब एनएसए अजित डोभाल जैसा शख्स दिखावे को दूर अपने लोगों के बी गढ़वाली में अपनी बात करते हों, सुनते हों तो हमें गढ़वाली बोलने, सुनने में आखिर क्यों संकोच होता है, नई पीढ़ी को आखिर गढ़वाली बोलने से तो दूर सुनने में भी दिलचस्पी नही है, आखिर हमारा ठेठ पहाड़ी अन्दाज कहाॅ खो गया, जिसकी पूरी दुनिया दिवानी होती जा रही है। 
उत्तराखंड के जनपद पौड़ी की बनेलस्यूं पट्टी स्थित घीड़ी गांव में 20 जनवरी 1945 को जन्मे एनएसए अजीत डोभाल का जन्म हुआ था, एनएसए अजीत डोभाल 1968 बैच के केरल कैडर के आईपीएस अधिकारी हैं, बीते रोज वह अपने पैतृक गांव पहुचे थे। देश के दोबारा एनएसए बनने के बाद डोभाल पहली बार पैतृक गांव पहुंचे। यहां उन्होंने गांव वालों से मुलाकात की। वह अपनी पत्नी अरुणा और पुत्र विवेक डोभाल के साथ गांव में पहुंचे थे। ग्राम प्रधान पुष्पा देवी, सामाजिक कार्यकर्ता अजय डोभाल और कमल रावत ने अजीत डोभाल के सामने कोटद्वार घुसगली मौटर मार्ग तक डामरीकरण, पौड़ी-ल्वाली-कालेश्वर-घीड़ी मार्ग के डामरीकरण की बात भी रखी। गांव वालों ने अजीत डोभाल से पानी की दिक्कत दूर करने के लिए घिंघरघाट घीड़ी पेयजल योजना को जल्द पूरा करवाने की मांग भी की। अपने गांव के लोगों को सभी कार्यो के आश्वासन देने के बाद अजीत डोभाल दिल्ली के लिए रवाना हो गए, आपको जानकारी दे दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें वर्ष 2014 में देश का राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बनाया था। एनएसए बनने के बाद वे वर्ष 2014-15 में निजी दौरे पर पैतृक गांव पहुंचे थे। वर्ष 2019 में प्रधानमंत्री मोदी ने डोभाल को तीन जून को दोबारा एनएसए की जिम्मेदारी सौंपने के साथ ही कैबिनेट मंत्री का दर्जा भी प्रदान किया। जिसके बाद पहली बार गांव में उनके आगमन से ग्रामीणों में खासा उत्साह दिखा।
तो अन्त में पहाड़ी खबरनामा आपसे एक निवेदन करता है कि जब भी आप किसी भी गढ़वाली भाई से बात करें, तो हमेशा कोशिश करें कि बातचीत गढ़वाली में हो, इसके साथ ही घर में अपने बच्चों को अंग्रेजी हिन्दी के साथ गढ़वाली सिखाना न भूलें, अगर आप ऐसी गलती कर रहे हैं, तो समझ लिजिए आप अपनी संस्कृति को खुद अपने घर में समाप्त कर रहे हैं। 
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