Exclusive: भगवान शिव की भूमि में हो रहा ये पाप! आपदा से भी नही लिया सबक!



कुलदीप राणा आज़ाद
रूद्रप्रयाग
रूद्रप्रयाग। 16-17 जून 2013 की केदारनाथ आपदा  के कारणों को भले ही अलग-अलग रूप में परिभाषित किया जाता रहा है कोई इसे उच्च हिमालयी क्षेत्र में मानवीय गतिविधियों का अधिक होना बताते हैं तो कोई इसे धार्मिक रूप से भी जोड़ते हैं और केदारनाथ धाम में अनेक तरह के अनैतिक कार्यों को जिम्मेदार मानते हैं लेकिन अगर धार्मिक रूप में देखा जाए तो यह तर्क देने वाले लोग गलत नहीं हैं कि केदारनाथ में और यात्रा मार्गों पर धडल्ले से मांस-मदिरा बेचा जा रहा है।अब जरा इस तस्वीर को भी ध्यान से देख लिजिए, तस्वीर में जो वाहन आपको दिख रहा है उसके पीछे सडे गल्ले मुर्गे भरे हुए हैं और वाहन के आगे (सबसे  ऊपर की ओर) "जय बद्री विशाल" लिखा हुआ है।एक दूसरी तस्वीर में "जय मां काली" जैसे पवित्र देवताओं और  तीर्थों के  नाम लिखे हुए  हैं, ऐसे में श्रद्धालु चार धाम यात्रा पर जा रहे हैं और वो ये तस्वीरें देख रहे तो उनकी आस्था को बडी चोट पहुच रही है। 

इससे भी बडा गोरख धंधा तो ये है कि गौरीकुण्ड-केदारनाथ तक मांस और शराब पहुंच रहा है। लेकिन पुलिस प्रशासन कोई अंकुश नहीं है। जबकि बद्री नाथ केदारनाथ का मुख्य पडाव रूद्रप्रयाग, तिलवाडा, अगस्त्यमुनि, विजय नगर, भीरी, चन्द्रापुरी, उखीमठ, गुप्तकाशी तक तो खुल्ले आम मांस और मदिर बिक रहा है जबकि उससे ऊपर चोरी छिप्पे पुलिस प्रशासन की शह पर ये सारे कार्य धडल्ले से हो रहे हैं। लेकिन इस पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो पा रही है। 2013 जैसे भगवान के रौद्र रूप से भी अगर नहीं चेत रहे हैं तो सम्भवतः फिर किसी बडी अनहोनी के लिए तैयार रहना पड़ेगा

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