हरीश थपलियाल। कहते हैं कुछ कर गुजरने की चाहत हो तो सब कुछ आसान लगता है। यह कर दिखाया है] टिहरी गढ़वाल स्थित जाख जिजली की 11 वर्षीय बालिका संस्कृति थपलियाल ने। दरअसल यह बालिका 8 वर्ष की उम्र से श्रीमद् भागवत कथा सुना रही है।
संस्कृति थपलियाल ने बताया कि वह 5 वर्ष की उम्र में अपने परिवार के साथ अपने किसी रिश्तेदार के यहां भागवत कथा सुनने पहुंची थी। तभी से लोगों को भागवत कथा सुनाने का मन बना लिया। तीन साल बाद खुद लोगों को भागवत कथा का पाठ सुनाने लगी।
संस्कृति थपलियाल की रिश्तेदार डॉ आशा सकलानी ने बताया कि वह वर्तमान में कक्षा 6 वीं की पढ़ाई कर रही है। खुद पढ़ाई के साथ लोगों को कथा का अध्ययन भी करा रही है। बालिका का कथा सुनाने का तरीका देखकर लोगों हैरत में पड़ जाते हैं। संस्कृति आज कल टिहरी जिले के थौलधार ब्लॉक स्थित भेंसकोटी गांव मे सात दिनों कथा का वाचन कर रही है। आज चौथा दिन है। बड़ी संख्या में लोग कथा सुनने पहुंच रहे हैं।
18 किमी दूर से पहुंच रहे कथा सुनने
ग्राम भैंसकोटी में आयोजित 11 वर्षीय बालिका की कथा सुनाने की चर्चा क्षेत्र में पानी की तरह फैली है। जिसके बाद ग्राम सुनारगांव, जसपुर,सेलुर, कांडीखाल समेत गुसाईं पट्टी के दर्जनों गांव के ग्रामीण कथा श्रवण के लिए भैंसकोटी पँहुच रहे हैं।
