गजबः यहाॅ काश्तकारों को नही मिलता अग्रेजों के कानून के कारण पानी..! नेताओं ने नही इन्द्रदेव ने दी इन्हें राहत...

अंग्रेजो के कानून
यहाॅ काश्तकारों को नही मिलता अग्रेजों के कानून के कारण पानी
पुष्पराज बहुगुणा
अंग्रेज भले ही 1947 में देश से चले गये हों लेकिन आज भी अंग्रेजो के कानून लागू हैं, रानीपोखरी में अंगे्रजो द्वारा 1938 में नहरों से पानी के बटवारें के जो कानून बनाये थे वो आज भी लागू हैं, ऐसे में यहाॅ का किसान आज भी इन कानूनों के कारण गुलामी की जंजीरों से बंधा महसूस करता है, सवाल यह उठता है कि जब अंग्रेजों को गये वर्षो हो गये तो इन कानूनों में बदलाव क्यों नही किया गया 

बारिश से काश्तकारों ने ली राहत की सांस, सूख रही थी गन्ने की फसल..

रानीपोखरी। न्याय पंचायत रानीपोखरी क्षेत्र में फसलों को सिचांई का पानी न मिलने से किसानों के चेहरे के साथ ही गन्ने की फसल भी उसी तरह सूखने को थी, लेकिन इन्द्रदेव की आज ऐसी कृपा हुई कि गन्ने की फसल को पानी भी मिल गया, और किसानों के चेहरे की रौनक भी लौट आई, देहरादून के रानीपोखरी क्षेत्र में आज इन्द्र देव जमकर बसरे। 


मैदानी क्षेत्रों में हुई बारिश के बाद अब किसानों के चेहरे फिर खिले हुए है, आज सायं से हो रही मानसून की फुहारों सुख रही फसलों पर पड़े तो अब उम्मी है कि फसलों पर नई जान आयेगी और किसान की मेहनक उसके काम आयेगी, आपकों बतादें कि कास्तकारों की गन्ने की फसल बिना सिचाईं के सुख गई रही थी, जिसके चलते कास्तकारों को मेहनत के साथ ही कर्जे की मार भी सताने लगीथी आज मानसून की पहली बारिश होने से कास्तकारों के चेहरे खिल उठे हैं, न्याय पंचायत प्रधान संगठन के पूर्व अध्यक्ष पुष्पराज बहुगुणा का कहना है कि वर्ष 1938 में अंग्रेजो ने नहरों में पानी के बटवारें के जो कानून बनाये थे वो आज भी क्षेत्र में लागू है, इस कानून के कारण रानीपोखरी व झीलवाला क्षेत्र में कास्तकारों को समय पर पानी नही मिल पा रहा है। पानी की कमी के चलते अब पानी बटवारें को नए तरीके से बनाए जाने की जरूरत है। कास्तकारों में सुनील सजवाण, सुधीर,नारायण दत्त भट्ट, आदेश सकलानी, रामकिशोर सुयाल, शांति स्वरूप भट्ट, मोहित कपूरवाण, भगवान सिंह, अशोक कुमार, आदित्य रावत आदि ने बारिस होने खुशी जाहिर की है।

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