उत्तराखंड समाचार : रूद्रप्रयाग जिले के इस एसबीआई में साढे दस बजे तक लटके रहते हैं ताले, उपभोक्ता परेशान!

एसबीआई, भारतीय स्टेट बैंक
फोटो- 10 जून को साढे 10 बजे एसबीआई  बैंक के गेट पर लगा ताला, ताला खुलने का इन्तजान करते परेशान उपभोक्ता

उत्तराखंड समाचार
रामरतन पंवार
उत्तराखंड समाचार  जखोली। रूद्रप्रयाग के एसबीआई की जखोली शाखा में उपभोक्ताओं की परेशानी लगातार बढ़ती जा रही है, एसबीआई बैंक कर्मचारियों ने हालात इतने खराब कर दिए हैं कि सुबह 10 बजे के बजाए बैंक के गेट पर साढे 10 बजे तक ताला लगा रहता है, ओर उपभोक्ता किसी से शिकायत भी नही कर पाते, या फिर कई शिकायतों के बाद जब एसबीआई बैंक के उच्च अधिकारी कार्यवाही ही नही करते तो अब भारतीय स्टेट बैंक  जखोली के कर्मचारी बेलगाम ओर निरंकुश हो चुके हैं, ओर लापरवाही की हद अब उन्होने इस सीमा तक बढ़ा दी है कि समय पर बैंक तक नही खोलने को तैयार हैं।
जखोली बिकासखंड वैसे तो अनेक जन समस्यायो का भंडार है लेकिन भारतीय स्टेट बैंक  ( एसबीआई  ) जखोली शाखा मे दूरस्थ क्षेत्रो से बैक मे अपने जमा धनराशि को लेने के लिए लोगो को बड़ी मसकत करनी पड़ती है। जनता का कहना है कि दूरदराज से आने के बावजूद भी आयदिनएसबीआई  बैक मे नेट न चलने का बहाना बना कर शाखा बंधक अपना पल्ला झाड़ देते है, लोगो कहना है कि इस आये दिन एसबीआई जखोली बैंक मे नेट की समस्या बनी रहती है ना ही समय पर बैक कर्मचारियों के द्वारा बैंक का ताला खोला जाता है जो कि बैक ग्राहक के हित मे नही है। सरकार ने जनता को सुबिधा देने हेतु बैंकों की स्थापना की है ताकि आम लोगो  एसबीआई  बैक से लेन-देन की सुविधा मिल सके लेकिन जखोली एसबीआई बैंक की हालात उपभोक्ताओं के अनुसार बहुत ही खराब है। शाखा मे शिकायत पहली बार ही नही बल्कि आये दिन बैंक मे अनेक शिकायते आती रहती है जिसकी शिकायत कितने ही बार सम्बन्धित बिभाग को जखोली बैंक के अनियमितताओं के संबंध मे लिखा गया लेकिन इस ओर आज तक किसी भी अधिकारी के द्वारा कोई ध्यान नही दिया गया जिसका खामियाजा हर बार बैक ग्राहको को भुगतना पड़ता है।
आखिर जखोली एसबीआई के कर्मचारियों को अधिकारियों की डर क्यो नही। आखिर इसका रहस्य क्या है।क्यो नही भारतीय स्टेट बैंक की है दशा को सुधारने का प्रयास किया जा रहा है इससे यह प्रतीत होता है कि सरकार दूरस्थ क्षेत्रों पर कोई ध्यान न देकर पहाड़ी क्षेत्रों की उपेक्षा कर रही है।

खबर पर प्रतिक्रिया दें 👇