रूद्रप्रयाग पेयजल संकट। केदारनाथ विधानसभा में पड़ने वाले सतेराखाल में रात्री 9 बजे का ये दृश्य है, यहां जनता पानी की बूंद-बूंद की मोहताज है, 32 करोड़ से ज्यादा यहाॅ पेयजल की एक योजना पर खर्च हो चुका है, लेकिन तस्वीर नही बदली, 32 करोड़ की योजना बनकर तैयार है पर पानी नही, और अब 3 से 4 करोड़ ओर व्यवस्था होगी तभी जनता को पानी मिलने की कोई उम्मीद है-
हरीश चन्द्र/रूद्रप्रयाग।
ये तस्वीरें ग्वाह हैं कि केदारनाथ विधानसभा में पड़ने वाले सतेराखाल गांव में पेयजल की कितनी किल्लत है, कि रात्री के 9 बजे भी ग्रामीण पेयजल के लिए भटर रहे हैं, ग्रामीणों का आरोप है कि विभागीय अधिकारियों, कर्मचारियों व कुछ ठेकेदारों की लापरवाही से पानी की बूंद-बूंद के लिए मोहताज हैं, ऐसा नही है कि सरकार ने यहाॅ अबतक पेयजल के लिए कोई योजना ही नही बनाई, यहाॅ पेयजल के लिए एक नही बल्कि 2-2 योजनाऐं बनी हैं, अधिकारियों व ठेकेदारों ने इस योजनाओं से अपनी जेबे भी खूब भरी होंगी लेकिन जिस जनता के लिए योजना बनी थी उस जनता के लिए सब बेकार! जल संस्थान के अधिकारी भी मानते हैं कि 32 करोड़ की योजना बनकर तैयार है पर पानी नही, और अब 3 से 4 करोड़ ओर व्यवस्था होगी तभी जनता को पानी मिलने की कोई उम्मीद है, ऐसे में इन दिनों जल आपूर्ति ना होने से पूरे क्षेत्र में जल संकट पैदा हो गया है। लेकिन सब चुप हैं। न विधायक साहब अधिकारियों का जबाब तलब कर रहे हैं न डीएम साहब।
दरअसल केदारनाथ विधानसभा में पड़ने वाले सतेराखाल समेत 24 ग्रामसभाओं को लाभाविंत करने के लिए जल निगम ने 32 करोड़ लागत की तल्ला नागपुर लिफट पम्प पेयजल योजना बनाई सतेराखाल में वैसे 1980 के दशक में बनी नागपुर गेंविटी पेयजल योजना है लेकिन अब उसका स्रोत सुखने से पानी मिलना मुश्किल है, बात अगर 32 करोड़ लागत की तल्ला नागपुर लिफट पम्प पेयजल योजना की करें तो अप्रैल माह में ही जल निगम ने ये योजना जल संस्थान को हेंडओवर की है, ग्रामीणों का कहना है कि ग्राम प्रधानों के पास योजना का पूरा कार्य रहा ओर उन्होने इसमें जमकर पैसे का दुरूप्रयोग किया साथ ही गलत व मनमाफिक डिस्ट्रीब्यूशन लाईन बनाकर जनता को बूंद-बूंद के लिए मोहताज कर दिया। वैसे ये वही योजना है जिसमें पहले भी लापरवाही के कारण 5 अधिकारी सस्पैड़ हो चुके हैं, लेकिन फिर भी किसी ने इससे सबक नही लिया।
पेयजल संकट पर क्या कहते हैं अधिकारी
पेयजल संकट मामले में जल संस्थान के अधिशासी अभियन्ता संजय सिंह का कहना है कि उनकी सतेराखाल में पेयजल की दो योजनाऐं है, तल्ला नागपुर लिफट पम्प पेयजल योजना अभी हाल में ही उन्हें हेड़ओवर हुई है, जिसमें प्रधानों की गलती से गलत डिस्ट्रीब्यूशन किया गया है, अभी विभाग अस्थाई व्यवस्था से पानी पहुचाने की कोशिश कर रहा है लेकिन स्थाई व्यवस्था के लिए अब 3 से 4 करोड़ अतिरिक्त खर्च आयेगा।
