युवाओं के लिए खुशखबरी! अब सरकारी विभागो में 11 महीनों का मिलेगा रोजगार, उत्तराखंड़ सरकार की तरफ से युवाओं के लिए बड़ी खुशखबरी, मुख्यमंत्री उत्तराखंड युवा पेशेवर नीति 2019 का जल्द प्रारंभ।
युवाओं के लिए खुशखबरी! अब सरकारी विभागो में 11 महीनों का मिलेगा रोजगार |
संजय शर्मा/देहरादून।
उत्तराखंड सरकार द्वारा प्रदेश की युवाओं को रोजगार उपलब्ध करवाने के लिए विभिन्न क्षेत्रों में दक्ष युवाओं के कौशल का लाभ अब सरकारी विभागों के लिए लेने वाली है, आपको बतादें कि सरकारी विभागों की कार्यक्षमता को बढ़ाने और तकनीकी रूप से विभागों को मजबूत करने के लिए युवा पेशेवर नीति 2019 को 22 फरवरी 2019 को राज्यपाल द्वारा स्वीकृति प्रदान की गई थी। अब इस पर जल्दी ही कार्यवाही तेज की जा सकती है।
सरकारी की इस नई नीति के अंतर्गत युवा पेशेवर की नई दृष्टिकोण, कौशल के सहयोग से अलग-अलग विभागों की कार्यक्षमता बढ़ाने और तकनीकी रूप से विभागों को मजबूत करने के लिए युवा पेशेवरों को 11 माह के अल्प समय के लिए विभागों में रखा जाना है।
सरकार की युवा पेशेवर नीति 2019 के अनुसार कार्य के दौरान रखे गये दक्ष युवाओं को सरकार द्वारा 15 हजार का मानदेय व अलग से टीए, डीए का भी प्रावधान किया गया है, जो कि सम्बन्धित विभाग द्वारा हर माह की 15 तारीख से पहले भुगतान किया जाएगा। सरकार कीयुवा पेशेवर नीति के अंतर्गत युवाओं को स्थाई रोजगार दिये जाने का प्रावधान तो नही है लेकिन इससे अपने अपने क्षेत्रों में एक्सपर्ट युवाओं के ज्ञान का लाभ विभाग को अवश्य मिलेगा और 11 माह तक युवाओं को 15 हजार प्रतिमाह जरूर मिलने लगेगे।
अब अगर आपके मन में ये प्रश्न है कि युवा पेशेवर नीति 2019 के अन्र्तगत क्या योग्यता एवं मानदंड सरकार ने रखे हैं तो ये है योग्यता और मापदण्ड-
- भारत के किसी भी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय ध्पब्लिक संस्थान से स्नातक उपाधि धारक हो।
- युवा पेशेवर की आयु 20 से 30 वर्ष के मध्य हो।
- संबंधित क्षेत्र ध् कार्य में कम से कम 1 वर्ष का अनुभव हो।
- युवा पेशेवर को हिंदी, अंग्रेजी, कंप्यूटर का सामान्य ज्ञान आवश्यक होगा।
- सभी सरकारी विभागों की वेबसाइट और समाचार पत्रों में प्रकाशित की जाएगी।
- चयन के लिए विभागों द्वारा साक्षात्कार लिया जायेगा, उसी आधार पर चयन होगा।
त्रिवेन्द्र सिंह रावत सरकार की युवा पेशेवर नीति 2019 के अनुसार प्रत्येक विभाग में कार्य संरचना के आधार पर अधिकतम दो पेशेवरों को 11 माह के लिए रख सकता है। विषेश परिस्थिति मे दो से अधिक रखने पर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित कमिटी द्वारा एक वर्ष के लिए एक अतिरिक्त पेशेवर को रखा जा सकता है। वैसे इतना जरूर है कि यूवाओं का 15 हजार में भला हो या न हो लेकिन सरकारी विभागों को तो इसका लाभ मिलना लगभग तय है।