SPACIAL: रूद्रप्रयाग के भरदार पट्टी में पानी के बूंद-बूंद के मोहताज ग्रामीण, वर्षों से तमाशा देख रहे अधिकारी..

फोटो परिचय- जल संस्थान के टैंकर में पानी भरती ग्रामीण महिलाऐं
रामरतन पंवार
सरकार गाँवो मे पीने के पानी पेयजल पहुंचाने के लिए हर साल करोड़ो रूपये खर्च कर रही है। मगर कई गाॅवों मेें हालत आज भी जस की तस बनी हुई है। और ग्रामीण पानी की बूंद बूंद के लिए मोहताज हैं, ही हाॅ हम बात कर रहे हैं रूद्रप्रयाग के पट्टी भरदार की जहाॅ पानी की आपूर्ति हेतु शासन ने वर्ष 2010-11 में लगभग 25 लाख रुपये की लागत से बनाई जानी वाली लस्तर-रोठिया-जवाडी पेयजल योजना को स्वीकृति प्रदान की थी। स्वीकृति के बाद योजना पर कार्य तो किया गया मगर आठ साल बीत जाने के बाद भी पेयजल योजना पूरी नही हो पायी। अगर यह योजना पूरी हो जाती तो भरदार पट्टी के दर्जनो गाँवो मे भी आज पीने के पानी का संकट पैदा नही होता। वैसे तो भरदार पट्टी मे हमेशा ही पानी का संकट बना रहता है। लेकिन गर्मी आते ही यहां पीने के पानी का घोर संकट पैदा हो जाता है।
भरदार पट्टी के घेघड गांव के रहने वाले पूर्व कनिष्ठ प्रमुख शंकर सिंह राणा, भगवान सिंह पवार, सुन्दर सिंह आदि लोगो का कहना है कि प्राकृतिक स्रोत सूख जाने के कारण घेघड, क्वीलाखाल, काण्डाखाल, रोठिया, जवाडी सहित अनेक गांव मे गर्मियों के दौरान पीने के पानी की भीषण समस्या पैदा हो जाती है।तब गाँवो जलसंस्थान के टैकंरो से पीने के पानी की सप्लाई की जाती.हैं। लोगों को टैकंर के पानी के लिए गांव के दूरस्थ क्षेत्रों से बर्तनो को लेकर आते है। लेकिन बड़ा सवाल यह है कि आखिर कब तक भरदार क्षेत्र की जनता की पानी की बंूद-बंूद के लिए मोहताज होती रहेगी। 

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