नरेन्द्रनगरः भू-सर्वेक्षण टीम की रिपोर्ट का नहीं है कहीं अता-पता!

फोटो परिचयः- उप जिलाधिकारी से मुलाकात करने को जाते आपदा ग्रस्त से पीड़ित कुमार खेड़ा के लोग
फोटो परिचयः- उप जिलाधिकारी से मुलाकात करने को जाते आपदा ग्रस्त से पीड़ित कुमार खेड़ा के लोग

नरेंद्र नगर। आपदा ग्रस्त कुमार खेड़ा वासियों ने विस्थापन की मांग को लेकर आज बुधवार को उप जिला अधिकारी नरेंद्र नगर युक्ता मिश्र से तहसील में जाकर उनके कार्यालय में मुलाकात कर भू-धंसाव वाले कुमार खेड़ा वासियों को विस्थापित करने की मांग की।
वाचस्पति रयाल
दरअसल में पालिका द्वारा पूर्ण किए गए विकास कार्यों के लोकार्पण के लिए विगत 27 मई को बतौर मुख्य अतिथि यहां पहुंचे प्रदेश के कृषि एवं उद्यान मंत्री सुबोध उनियाल से कुमार खेड़ा वासी विस्थापन की मांग को लेकर मिले थे ,इसी कार्यक्रम में मौजूद उपजिलाधिकारी युक्ता मिश्र को कृषि मंत्री ने आपदा पीड़ितों की समस्याओं को सुनने तथा विस्थापन के लिए शासन से मांगी गई रिपोर्ट पर कार्रवाई आगे बढ़ाने के निर्देश दिए थे ,उसी क्रम में उप जिलाधिकारी ने कुमार खेड़ा वासियों को विस्तृत चर्चा के लिए अपने कार्यालय में बुलाया था।वार्ता के दौरान दर्शन लाल शाह तथा सरोजनी देवी व अन्य लोगों का कहना था कि क्षेत्र में आई भू सर्वेक्षण टीम ने अपनी रिपोर्ट में स्पष्ट किया है कि कुमार खेड़ा भू-धंसाव वाला क्षेत्र है और यह जगह रहने के लिए उपयुक्त नहीं है। मगर भू सर्वेक्षण टीम की रिपोर्ट फाइल पर कहीं नहीं मिली, आशंका जताई गई है कि भू सर्वेक्षण टीम ने अपनी रिपोर्ट जिला अधिकारी को भेजी हो, मगर यहां सवाल यह पैदा होता है कि जब विस्थापन की पूरी फाइल स्थानीय प्रशासन तैयार कर रहा है तो फिर भू सर्वेक्षण टीम की रिपोर्ट स्थानीय प्रशासन को क्यों नहीं सौंपी गई। उप जिला अधिकारी ने कहा कि भू सर्वेक्षण टीम की रिपोर्ट का पता किया जाएगा। कार्यालय में मौजूद कुमार खेड़ा विस्थापन की फाइल का उपजिलाधिकारी ने गहराई से अवलोकन किया। इस दौरान उन्होंने कुमार खेड़ा वासियों की समस्याओं को भी ध्यान से सुना।
वाचस्पति रयाल
कुमार खेड़ा विस्थापित करोष् संघर्ष समिति के अध्यक्ष दर्शन लाल शाह ने  बताया कि वर्ष 2016 में कुमार खेड़ा में आपदा के दौरान बरसात में चार युवकों की मौत मलवे में दबकर हो गई थी। पहाड़ी से बड़े-बड़े बोल्डर यहां लोगों के मकानों में गिरे कई मकान क्षतिग्रस्त हुए, पालिका द्वारा बनाई गई कॉलोनी कि कई कमरे भारी पत्थरों से टूट गए। कहा कि बरसात में हर वर्ष कुमार खेड़ा क्षेत्र में मकानों के धंसने और पहाड़ी से ही पत्थर गिरने का भय बना रहता है. प्रशासन घरों को छोड़ने और खाली करने का आदेश देकर अपने कार्य की इतिश्री समझ लेता है, कहा कि ऐसे हालातों में कुमार खेड़ा का विस्थापन समय की प्रबल मांग है। दर्शन लाल शाह, पूर्व सभासद मानवेंद्र रांगड़,सरोजनी देवी, कोमल दास व प्रमोद श्याम वेदी ने कहा कि कुमार खेड़ा विस्थापन  की मांग को लेकर शासन ने जगह चिन्हित करने के निर्देश स्थानीय शासन को दिए थे, जिस पर भद्रकाली में जगह चिन्हित कर ली गई थी, मगर अभी तक कोई कार्रवाई सुनिश्चित नहीं की गई जिससे कुमार खेड़ा के जनता में आक्रोश पनप रहा है। उपजिलाधिकारी युक्ता  मिश्र ने  कहा कि  शासन द्वारा विस्थापन के लिए जिन जिन बिंदुओं पर आख्या मांगी गई है वह अपनी तरफ से विस्तृत रिपोर्ट जल्द से जल्द शासन को भेजने  की कार्रवाई सुनिश्चित करेंगी। इस मौके पर भारी संख्या में कुमार खेड़ा के लोग उपस्थित थे

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