यूट्यूब पर पॉपुलर होती सबसे बड़ी कविता "धै"


हरीश थपलियाल
उत्तरकाशी।। उत्तराखंड के सुप्रसिद्ध लोक गायक ओम बधानी के यूट्यूब चैंनल पर पॉपुलर हो रही सबसे बड़ी कविता धै का विधिवत शुभारंभ नगर पालिका बाड़ाहाट के अध्यक्ष रमेश सेमवाल के कर कमलों से सम्पन्न हुआ।। चैयरमैन रमेश सेमवाल ने ओम बधानी समेत गढ़ कवियों को शुभकामनाएं भी दी। ओम बधानी ने बताया कि भाषा में शब्दों का भंडार है, बावजूद इसके आम बोलचाल में गढ़वाली भाषा का प्रयोग न होने के कारण यह भाषा विलुप्ति के कगार पर है। ऐसे में जरूरी है कि गढ़वाल को स्वयं गढ़वाली भाषा बचाने के लिए एकजुट होकर खड़ा होना होगा। 
उत्तरकाशी के नगर पालिका सभागार में  आयोजित समारोह का शुभारंभ चैयरमैन रमेश सेमवाल ने बताया कि गढ़वाली भाषा मे शब्दों का भंडार है। लेकिन दुर्भाग्य से हम इस भंडार से भावी पीढ़ी तक नही पंहुचा पा रहे। सभागार में मौजूद लोक गायक ओम बधानी ने कहा कि रोजगार सहित अन्य कारणों से पहाड़ छोड़ने के बाद गढ़वाल के मूल  गढ़वाली भाषा के प्रयोग से परहेज कर रहे हैं। नतीजा, धीरे-धीरे यह समृद्ध भाषा विलुप्ति की ओर अग्रसर है। कहा कि गढ़वाली भाषा की अपनी लिपि है, व्याकरण है और साहित्य भी है। गढ़वाल को जीवित रखना है तो गढ़वाली भाषा को आगे बढ़ाने के लिए घर से ही प्रयास शुरू करने होंगे।  इस अवसर पर "शिक्षा में लोकसाहित्य की प्रासंगिकता विषय" पर विचार गोष्ठी का भी आयोजन हुआ जिसके वक्ता प्रसिद्ध गढ़कवि व गढ़वाली पत्रिका धाद के संपादक गणेश खुगशाल 'गणी' शिक्षाविद खजान सिंह भी मौजूद थे। कार्यक्रम में उपस्थित शिक्षकों के साथ लोकभाषा की सहायता से प्रभावी शिक्षण कैसे हो सकता है इस विषय पर भी चर्चा हुई। कार्यक्रम में राजेश जोशी ,मदन मोहन बिजल्वाण,संतोष सकलानी आदि के साथ अज़ीम प्रेमजी फाउंडेशन के जिला प्रमुख संजय सेमवाल, अनूप दुबे, फिज़ा आदि व नगर के गण मान्य व्यक्ति मौजूद रहे।

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