एसडीएम के आश्वासन के बाद देर रात पानी की टंकी से उतरी दोनों महिला कर्मचारी, दिनभर चला हाईवोल्टेज ड्रामा।


सजंय शर्मा/ऋषिकेश। 
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान(एम्स) ऋषिकेश से निष्कासित दो महिला कर्मचारी अपनी बहाली की मांग को लिए बीते शुक्रवार की सुबह पांच बजे रेलवे स्टेशन जीआरपी चैकी के समीप पानी की टंकी पर चढ़ गई, इस दौरान अन्य आन्दोलनकारियों ने एम्स निदेशक और एम्स प्रशासन खिलाफ जोरदार नारेबाजी भी की, सूचना मिलते ही प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों के भी हाथ पांव फूल गए, पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों ने उन्हें समझाने की कोशिश की, लेकिन वह एक नहीं मानीं। 
लेकिन आखिरकार रात नौ बजे एसडीएम प्रेमलाल और कोतवाल के आश्वासन के बाद टंकी पर चढ़ीं दोनों निष्कासित कर्मी नीचे उतरीं, जिसके बादं मेयर अनिता ममगाईं ने जूस पिलाकर उन्हें जल्द बहाली का आश्वासन दिया, घटनास्थल पर आन्दोलनकारियो से वार्ता के लिए पहुचे एम्स के डिप्टी डायरेक्टर अंशुमान गुप्ता और जनसंपर्क अधिकारी हरीश थपलियाल को भी आन्दोलनकारियों के भारी विरोध का सामना करना पड़ा, आन्दोलनकारियों नें उनके साथ धक्का मुक्की भी की, सूचना मिलने पर पुलिस ने उन्हें आन्दोलनकारियों की चुंगल से छुड़वाया, इससे पहले बीती 15 अप्रैल की सुबह 55 वर्षीय बुजुर्ग दाताराम ममगाईं हाथ में पेट्रोल की बोतल लेकर पांचवीं मंजिल पर चढ़ गए थे, जिन्हें आश्वासन देकर नीचे उतारा गया था।

घटनाक्रम के अनुसार बहाली की मांग को लेकर निष्कासित महिलाकर्मी कंचन और मनीषा पानी की टंकी पर चढ़ गई थी, करीब सवा आठ बजे जब घटना की जानकारी प्रशासन को मिली जिसके बाद तहसीलदार के नेतृत्व में प्रशासन मौके पर पहुचा, तहसीलदार रेखा आर्य ने आंदोलनकारियों से टंकी पर चढ़कर जान जोखिम में डालने को सही कदम नहीं ठहराया, उन्होंने उनसे उतरने की बात कही, लेकिन आंदोलनकारी नहीं माने और बार-बार टंकी से कूदने की धमकी देने लगीं। करीब साढ़े 10 बजे उप जिलाधिकारी प्रेमलाल आंदोलनकारियों से वार्ता करने पहुंचे, जिसके बाद आखिरकार रात नौ बजे एसडीएम प्रेमलाल और कोतवाल के आश्वासन के बाद टंकी पर चढ़ीं दोनों निष्कासित कर्मी नीचे उतरी। 

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