कालीशिला में 19 अप्रैल से होगा श्रीमद भागवत एवम शिवपुराण कथा का आयोजन।


हरीश चंद्र/उखीमठ। 

कालीमठ मां काली का सबसे बड़ा तीर्थ हैं यही पर मां काली काली शिला पर अवतरित हुई थी और मां ने मानवता को बचाने के लिए राक्षसों का खात्मा किया था, यही कारण है की पूरी दुनिया में माँ काली के भगतों के लिए ये स्थान सबसे बड़ा तीर्थ है। 

कालिशिला सिद्धपीठ श्री केदार घाटी की सुरम्य वादियों  में स्थित माँ भगवती में 19 अप्रैल से 23 अप्रैल 2019 तक श्रीमद भागवत एवम शिवपुराण कथा का आयोजन किया जा रहा है। जिंसमे मंहत श्री बरखा गिरी जी महाराज एवम भाई स्वरवती गिरी के सौजन्य से कथावाचक आचार्य स्वंवर सेमवाल एवं आचार्य दिनेश भट्ट अपने मधुर वाणी से कथावाचक का श्रवण कराएंगे। इस पवित्र सिद्धपीठ एवं तीर्थस्थल पहुचने के लिए गुप्तकाशी, कालीमठ, ब्यूखंडी होते हुये पहुचा जाता है यहाँ प्रत्येक वर्ष हजारो श्रद्धालुओं माता के दर्शन के लिये आते है, विगत कई वर्षों से मंहत जी सिद्धपीठ में साधनारत है जैसा कि मान्यता है कि कालि सिला में देवताओं के 64 यंत्र है इन्ही यंत्रो की सहायता से माता ने उन राक्षसों का वध किया था कहा जाता है कि माता सती ने इसी शिलाखण्ड में भी पार्वती के रूप में दूसरा जन्म लिया था ।

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