जखोली विकासखंड में लगेंगी पर्वतीय गांधी इंद्रमणि बड़ोनी व वीरभड़ माधो सिंह भंडारी की प्रतिमाएं- प्रदीप थपलियाल
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रामरतन पंवार/रुद्रप्रयाग।
रुद्रप्रयाग के जखोली विकासखंड उत्तराखंड के महापुरुषों की जन्मस्थली व कर्मस्थली रही है जो आज मात्र जखोली के लिए ही नही बल्कि पूरे प्रदेश के लिए गौरव का विषय हैं जखोली से जुड़े ऐसे ही महापुरुष हैं उत्तराखंड के गांधी इंद्रमणि बडोनी ओर वीर भड़ माधो सिंह भंडारी! जिनका जखोली से जन्म व कर्मभूमि के माध्यम से जुड़ता है, लेकिन इन महापुरुषों के गौरव का लाभ लेने के बजाय इन्हें आज भुला दिया गया लेकिन अब जखोली के नवनिर्वाचित प्रमुख प्रदीप थपलियाल ने दोनों मनपुरुषो की प्रतिमा जल्द ही जखोली विकासखंड मुख्यालय में लगाने का निर्णय लिया है।
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देहरादून के घंटाघर या ऋषिकेश का नटराज चौक, मुनिकीरेती का पार्क हो या घनसाली का विकासखंड मुख्यालय आपको यहां पर्वतीय गांधी इंद्रमणि बडोनी की प्रतिमा देखने को मिल जाएगी लेकिन जो जखोली विकासखंड के वो पहले प्रमुख रहे और उत्तराखंड राज्य आंदोलन के ध्वजवाहक रहे इंद्रमणि बडोनी की राजनीति की पहली कर्मस्थली भी जखोली ही रही लेकिन आज उनके ही जखोली विकासखंड में उन्हें समय के साथ भुला दिया गया। वही उत्तराखंड के गौरव व मलेथा के बंजर भूमि को अपने बेटे के बलिदान से पहाड़ के बीचोंबीच सुरंग निकाल आज की इंजीनियरिंग को चुनौती देने वाले वीरभड़ माधो सिंह भंडारी को भी जखोली में भुला दिया गया, गढ़वाल रियासत के वीर यौद्धा व सेनापति वीर भड़ माधो सिंह भंडारी जा जन्मस्थान भी जखोली के पास स्थित ललूड़ी गांव है लेकिन इन दोनों महापुरुषों के जन्म व कर्म स्थली होने के गौरव का लाभ लेने के बजाय समय के साथ इन्हें समय भुला दिया गया, ऐसे में नई पीढ़ी को कैसे पता लगता कि उत्तराखंड के ये जननायक जखोली की भूमि से ही उदय हुए हैं।
जखोली विकासखंड के नवनिर्वाचित प्रमुख प्रदीप थपलियाल का कहना है कि जल्दी ही पर्वतीय गांधी इंद्रमणि बडोनी व वीरभड़ माधो सिंह भंडारी की प्रतिमा जखोली विकासखंड के मुख्यालय में लगाई जाएगी, वो हमारे लिए ही नही पूरे प्रदेश के लिए प्रेणास्रोत है, ओर हमारे जखोली विकासखंड की धरती से ही उनका उदय हुआ है।
