हरीश थपलियाल।।। संस्कृत भारती के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख शिरीष भेडसगांव ने कहा कि संस्कृत भारती विश्व का पहला संस्कृत सम्मेलन दिल्ली में नौ से 11 नवंबर तक होगा। इसमें अमेरिका सहित 17 देशों के 45,000 संस्कृत भाषा के प्रतिनिधि भाग लेंगे। सम्मेलन दिल्ली के छतरपुर आध्यात्मिक केंद्र में आयोजित किया जाएगा।
सम्मेलन में राष्ट्रपति, उप राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री को आने का न्योता दिया गया है। विश्व के पहले सम्मेलन में संस्कृत भाषा में क्या-क्या किया जाना है और क्या-क्या हुआ है, इस विषय को लेकर विस्तृत चर्चा होगी। इसमें आए सुझावों व विषयों पर आगामी रणनीति को धरातल पर लाया जाएगा। उत्तराखंड, हिमाचल से भी कई प्रतिनिधि इस सम्मेलन में भाग लेंगे। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को विशेष रूप से सम्मेलन में सम्मानित किया जाएगा, क्योंकि जयराम ठाकुर ने संस्कृत को आगे बढ़ाया है। प्रदेश में दूसरी भाषा का दर्जा दिया है। सम्मेलन में संस्कृत भाषा में छपी 300 से अधिक पुस्तकें व सीडी भी बिक्री के लिए उपलब्ध रहेगी। 10 नवंबर को खुला सत्र भी होगा। संस्कृत भारती 36 वर्षो से देश व विदेश में संस्कृत भाषा के उत्थान के लिए कार्य कर रही है। आचार्य आनद जोशी का कहना है कि देश के संस्कृत विश्वविद्यालयों में चपरासी से लेकर उच्च अधिकारी तक स्टाफ भी ऐसा होना चाहिए जो संस्कृत में बात करे।
सम्मेलन में राष्ट्रपति, उप राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री को आने का न्योता दिया गया है। विश्व के पहले सम्मेलन में संस्कृत भाषा में क्या-क्या किया जाना है और क्या-क्या हुआ है, इस विषय को लेकर विस्तृत चर्चा होगी। इसमें आए सुझावों व विषयों पर आगामी रणनीति को धरातल पर लाया जाएगा। उत्तराखंड, हिमाचल से भी कई प्रतिनिधि इस सम्मेलन में भाग लेंगे। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को विशेष रूप से सम्मेलन में सम्मानित किया जाएगा, क्योंकि जयराम ठाकुर ने संस्कृत को आगे बढ़ाया है। प्रदेश में दूसरी भाषा का दर्जा दिया है। सम्मेलन में संस्कृत भाषा में छपी 300 से अधिक पुस्तकें व सीडी भी बिक्री के लिए उपलब्ध रहेगी। 10 नवंबर को खुला सत्र भी होगा। संस्कृत भारती 36 वर्षो से देश व विदेश में संस्कृत भाषा के उत्थान के लिए कार्य कर रही है। आचार्य आनद जोशी का कहना है कि देश के संस्कृत विश्वविद्यालयों में चपरासी से लेकर उच्च अधिकारी तक स्टाफ भी ऐसा होना चाहिए जो संस्कृत में बात करे।
