उत्तरकाशी में बिना मान्यता के चल रहे विद्यालयों में कार्यवाही के नाम पर खानापूर्ति, फाईलों में कुण्डली मार बैठे अधिकारी..

उत्तरकाशी में बिना मान्यता के चल रहे विद्यालयों में कार्यवाही के नाम पर खानापूर्ति, फाईलों में कुण्डली मार बैठे अधिकारी.. 
मान्यता के चल रहे विद्यालयों
उत्तरकाशी में बिना मान्यता के चल रहे विद्यालयों में कार्यवाही के नाम पर खानापूति
हरीश थपलियाल/उत्तरकाशी।
उत्तरकाशी जिले में बिना मान्यता के चल रहे विद्यालयों में शिक्षा विभाग के अधिकारी कार्यावाही के नाम पर मात्र खानापूर्ति करते नजर आ रहे हैं, बिना मान्यता के विघालयों पर लोक दिखावे के लिए कार्यवाही तो शुरू की जाती है, लेकिन उसके बाद शिक्षा विभाग के अधिकारी फाइलों में कुण्डली मार बैठ जाते हैं। 


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ताजा मामला चिन्यालीसौड़ में सामने आया है जहाँ बिना मान्यता के स्कूल संचालन कर रहे तीन प्राईवेट स्कूलों पर शिक्षा विभाग ने नोटिस देकर एक लाख का जुर्माना लगाया था। इसके साथ ही नोटिस के बावजूद भी अवैध स्कूल व कक्षाओं का संचालन बंद न करने पर दस हजार रुपये रोजाना की दर से अर्थ दंड वसूला जाना था था। 
गजब की बात यह है कि शिक्षा विभाग ने तीन माह पूर्व संबंधित स्कूलों को नोटिस थमाया था। बावजूद इसके इसके बाद से शिक्षा विभाग के अधिकारी कार्यवाही की फाईल पर कुण्डली मार बैठे हैं, आपको बतादें कि शिक्षा विभाग को जब इस बात का पता लगा कि चिन्यालीसौड़ में तीन विद्यालय बिना मान्यता के चल रहे हैं तो विभाग सक्रिय हुआ और जांच पड़ताल के बाद उप खंड शिक्षा अधिकारी ने नोटिस जारी किया था। 


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बिना मान्यता के स्कूल संचालन छात्रों के साथ धोखा है। बेशक विद्या दान अच्छी बात है, लेकिन नियमों के दायरे में शिक्षण कार्य होना चाहिए। विद्यालय में सिर्फ बच्चों को शिक्षा ही नहीं दी जाती, उनके सर्वांगीण विकास पर ध्यान दिया जाता। इसलिए विद्यालय के मानक निर्धारित है। जो उनकी सुरक्षा, स्वास्थ्य व शिक्षा से जुड़े हैं। 
सरकार ने अवैध विद्यालयों पर पूरी तरह सख्ती कर दी है। अब कोई भी विद्यालय बिना मान्यता का नहीं रहेगा। ऐसे में जो विद्यालय चल रहे उन्हें बंद होना चाहिए। मुख्य शिक्षाधिकारी रमेश चंद्र आर्य ने शासनादेश का हवाला देते हुए कहा है कि अवैध विद्यालयों पर कार्यवाही अनिवार्य रुप से की जानी चाहिए, इस सम्बंध में उपखंड शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं।

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