मंदिर में श्रद्धालुओं को काट रहे बंदर पर अस्पताल में नही है रेबीज के इंजेक्शन. . .

मंदिर में श्रद्धालुओं को काट रहे बंदर पर अस्पताल में नही है रेबीज के इंजेक्शन. . . 
बंदर
वाचस्पति रयाल। 
नरेन्द्रनगर में नगरपालिका भले ही कई बार बंदर पकड़ो अभियान चलाकर कई बंदरों को पिजड़े में कैद कर जंगलों में छुड़वा चुकी हो लेकिन न ही बन्दर कम हो रहे हैं न ही शरारती बन्दरों की हरकतें, ऐसे में श्रद्धालुओं पर बंदर उस वक्त भारी पड़े जब वे शिव मंदिर में जल चढ़ाने जा रहे थे, सावन माह के दूसरे सोमवार को सुबह 55 वर्षीय प्रभादेवी शिव मंदिर के दर्शनार्थ और जल चढ़ाने को शिव मंदिर जा रही थी, कि बंदर उनकी हाथ में पकड़े फलों की पन्नी पर झपटते हुए हाथ पर कई घाव कर डाले


इसी तरह का एक वाकया और हुआ है 70 वर्षीय महिला सुशीला देवी भी जल चढ़ाने शिव मंदिर जा रही थी कि बंदर उन पर भी झपट पड़ा और उनका हाथ काट डाला। जाहिर सी बात है कि नरेन्द्र नगर के सुमन अस्पताल में रेबीज के इंजेक्शन न होने के कारण पीड़ितों को ऋषिकेश से इंजेक्शन लाने को मजबूर होना पड़ रहा है, पीड़ित प्रभादेवी और उनके पति सुभाष राय का कहना है कि जब सुमन अस्पताल नरेंद्र नगर में रैबीज के इन्जेक्शन ना होने के कारण उन्हें ऋषिकेश से इंजेक्शन आने को मजबूर होना पड़ा। 
वही इससे से बढ़कर पीड़ितों का कहना है कि रेबीज के इंजेक्शन के लिए ऋषिकेश गए प्राइवेट केमिस्ट की दुकान पर 351 रुपए का इंजेक्शन 500 में दिया जा रहा है और वह खरीदने के लिए मजबूर हुए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि 5 इंजेक्शन लगाने अनिवार्य हैं, ऐसा डॉक्टर का कहना है मगर धना भाव के कारण उन्हें यह इलाज महंगा पड़ रहा है। 


पूरे मामले में सीएमएस नरेंद्र नगर डा० मनोज बहुखंडी का कहना है कि रेबीज के इंजेक्शन अस्पताल में उपलब्ध नहीं है इस संबंध में वह पत्र उच्च अधिकारियों को प्रेषित कर चुके हैं मगर अभी तक अस्पताल को रेबीज के इंजेक्शन उपलब्ध नहीं हो पाए हैं, रेबीज के इंजेक्शन उपलब्ध होने पर ही पीड़ितों के उपयोग को दिए जा सकते है। जिसके लिए अस्पताल प्रशासन द्वारा प्रयास किये जा रहे हैं। 

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