चारधाम यात्राः आज देवभूमि के चारों धामों के कपाट शाम 4 बजे से रहेंगे बन्द, जानिए क्यो..!

चारधाम यात्राः आज देवभूमि के चारों धामों के कपाट शाम 4 बजे से रहेंगे बन्द, जानिए क्यो..! 
चारधाम यात्रा
हरीश चन्द्र / उखीमठ। 
देवभूमि उत्तराखण्ड़ में चारधाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं के लिए महत्वपूर्ण खबर है, कल बुधवार की रात्री 1 बजकर 22 मिनट पर चंद्रग्रहण लग रहा है, चन्द्रग्रहण से 9 घंटे पहले यानी आज मंगलवार शाम 4 बजकर 22 मिनट से सूतक लग जायेगा। जिस वजह से चारों धामों बद्री-केदार व यमनोत्री गंगोत्री के कपाट आज शाम यानी मंगलवार की शाम 4 बजकर 22 मिनट पर बंद कर दिये जायेंगे। 

चंद्रग्रहण के कारण चारधाम के कपाट बंद रहेंगे
बदरी-केदार मंदिर समिति के अनुसार 16 जुलाई सांय 4 बजकर 25 मिनट पर मंदिरों के कपाट बंद कर दिए जाएंगे, सूतक काल में सभी प्रकार के दर्शन बंद रहेंगे, 17 जुलाई को रात 1 बजकर 31 मिनट से सुबह 4 बजकर 31 मिनट तक 3 घंटे का चंद्रग्रहण है, ग्रहणकाल से 9 घंटे पहले सूतक काल माना जाता है। इसका असर देश के अनेक मंदिरों पर भी पड़ेगा। सूतक के चलते ठीक 9 घंटे पहले मंदिर बंद हो जाएंगे। 17 जुलाई को चन्द्रग्रहण खत्म होने के बाद सुबह बदरी-केदार धाम के कपाट भक्तों के दर्शनार्थ खोले जाएंगे। 

जानिए आखिए चंद्रग्रहण पर क्यो होते हैं कपाट बन्द- 
चंद्रग्रहण को लेकर मान्यता है कि प्राचीन काल में सुरभानु नाम का एक दैत्य हुआ करता था।  समुद्र मंथन के समय अमृत निकला तो देवताओं को अमृत पिलाने के लिए भगवान विष्णु ने मोहिनी का रूप धारण कर दानवों को जल और देवताओं को अमृत पान कराया था। उसी समय स्वरभानु दैत्य ने मोहिनी को ऐसा करते देख लिया तो वह भी चुपके से देवताओं का रूप बनाकर देवताओं की मंडली में जा बैठा लेकिन सूर्य और चंद्र देव ने दैत्य को पहचान लिया और भगवान को बताया कि यह देवता नहीं दैत्य है। 

उसी समय भगवान अपने विष्णु रुप में प्रकट हुए और सुदर्शन चक्र से स्वरभानु का गला काट दिया किंतु अमृत पान करने की वजह से उसकी मृत्यु नहीं हुई और उसका शरीर दो भागों में बंट गया। सिर के हिस्से को राहु और धड़ के हिस्से को केतु के रूप में नव ग्रहों में मान्यता दी गयी है, साथ ही बताया कि चंद्रग्रहण का जो ज्योतिस प्रमाण है उसके अनुसार चंद्रग्रहण लगने के 9 घंटे पहले ही सूतक लग जाता है, यानी मंगलवार की शाम 4 बजकर 22 मिनट से ही सूतक लग जाएगा और इस दौरान मूर्तियां स्पर्श, भगवान को भोग लगाना, भगवान को स्नान कराना या भगवान पर चोला चढ़ाना वर्जित रहेगा। ऐसे में इस सूतक के दौरान दूवभूमि के चारों धामों के कपाट भी बन्द रहेंगे। 

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