SPECIAL- गढ़वाल सांसद तीरथ सिंह रावत का पूरा सफरनामा, जानिए तीरथ सिंह रावत को..

गढ़वाल सांसद तीरथ सिंह रावत
गढ़वाल सांसद तीरथ सिंह रावत

राजेश नेगी
राजेश नेगी
मधुभाषी, शान्त स्वभाव, आम आदमी से सीधा जुड़ाव व कभी हार न मानने वाले नेता की पहचान रखने वाले भाजपा के राष्ट्रीय सचिव व गढवाल सांसद तीरथ सिंह रावत की, तीरथ सिंह रावत का जन्म 9 अप्रैल सन् 1964 में पौड़ी गढ़वाल में पड़ने वाली पट्टी असवालस्यूं के सीरो गांव के साधारण परिवार में हुआ था, तीरथ सिंह रावत ने परास्नात (समाज शास्त्र), बिरला कॉलेज श्रीनगर गढ़वाल एवं पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है, तीरथ सिंह रावत ने अपनी राजनीति हेमवती नंदन गढ़वाल विश्वविधालय के छात्र संघ अध्यक्ष के रूप में शुरू की, जिसके बाद तीरथ सिंह रावत ने कभी पीछे मुड़कर नही देखा, तीरथ उत्तरप्रदेश छात्र संघ मोर्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष बने, इसके बाद उत्तर प्रदेश में ही तीरथ सिंह रावत भारतीय जनता युवा मोर्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष एवं राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य भी बने, वर्ष 1997 में तीरथ सिं रावत उत्तर प्रदेश विधान परिषद् के सदस्य निर्वाचित हुए जिसके बाद विधान परिषद् में विनिश्चय संकलन समिति के अध्यक्ष भी वो बनाये गए। 

तीरथ सिंह रावत रामजन्म भूमि आन्दोलन में 2 महीने जेल में भी रहे, उत्तराखण्ड आन्दोलन में भी तीरथ सिंह रावत की सक्रिय भूमिका रही, इस दौरान कई रैलियो में शामिल रहे एवं राज्य आन्दोलनकारी के रूप में चिन्हित किये गए, उन्होने मुज्जफरनगर (रामपुर तिराहे) से गढ़वाल तक शहीद यात्रा का नेतृत्व भी किया था। 
तीरथ सिंह रावत को वर्ष 2000 मे उत्तरप्रदेश से अलग हुए उत्तराखण्ड राज्य का पहला शिक्षा मंत्री बनने का सौभाग्य भी प्राप्त हुआ, इसके बाद वर्ष 2007 में भारतीय जनता पार्टी उत्तराखण्ड के प्रदेश महामंत्री चुने गये, इसके बाद तीरथ सिंह रावत भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश चुनाव अधिकारी तथा प्रदेश सदस्यता प्रमुख रहे, तीरथ सिंह रावत वर्ष 2012 में चैबटाखाल विधान सभा से फिर विधायक निर्वाचित हुए, उत्तराखण्ड़ में जब बीजेपी की त्रिमूर्ति खंण्डूडी, कोश्यारी, निशंक का दौर रहा तब तीरथ पूर्व संासद भूवनचन्द खंण्डूडी के काफी निकट रहे, कई बार खंण्डूडी के अच्चे बुरे समय में तीरथ पूरी मजबूती के साथ खण्डूडी के साथ खड़े रहे। 
राजनीतिक जीवन में आया बड़ा मोड़
तीरथ सिंह रावत की राजनीतिक जीवन में सबसे बड़ा मोड़ तब आया जब वर्ष 2013 में प्रदेश के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष विशन सिंह चुफाल के बाद वो उत्तराखण्ड भाजपा के सर्वोच्च पद बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष बनाये गये, तीरथ बीजेपी प्रदेश के छटवें प्रदेश अध्यक्ष रहे, उनके बाद वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट प्रदेश अध्यक्ष बने हैं, प्रदेश अध्यक्ष बनते ही तीरथ सिंह रावत का कद प्रदेश भाजपा के सीनियर नेताओं में शुमार हो गया। 
राजनीतिक तौर से देखे बुरे दिन
तीरथ सिंह रावत ने मात्र हमेशा ऊचाईयों को ही नही छुआ बल्कि तीरथ सिंह रावत ने राजनीतिक तौर पर बुरे दिनों का भी जमकर सामना किया, तीरथ विधायक का चुनाव भी हारे, पर हिम्मत नही हारी, वो कभी हताश निराश नही हुए, सिनियर नेता होने के बावजूद विधानसभा चुनाव 2017 में जब चैबटाखाल से उन्हे भाजपा का टिकट तक नही दिया गया, उनका टिकट काटकर वर्तमान पर्यटन मंत्री सतवाल महाराज को दिया गया तो तब उन्हे राजनीतिक तौर पर चुका हुआ मान लिया गया था लेकिन तीरथ बिल्कुल भी हताश व निराश नही हुए, उन्हे अपनी जनप्रिय प्रतिभा और पार्टी की फैसले पर पूरा विश्वास था। 
राजनीतिक तौर पर आया बड़ा मोड़
टिकट न मिलने के बावजूद भी पार्टी के लिए तन मन से काम करने का ही परिणाम था कि तीरथ को राज्य की राजनीति से सीधे केन्द्र में राष्ट्रीय सचिव बनाया गया, लोकसभा चुनाव 2019 से पहले उन्हे अहम जिम्मेदारी देते हुए पार्टी ने हिमाचल प्रदेश का चुनाव प्रभारी भी बनाया, इसके बाद उत्तराखण्ड़ की सबसे वीआईपी माने जाने वाली पौड़ी ससदीय क्षेत्र से टिकट तीरथ सिंह रावत को दिया गया, जिसमें वे भारी मतों से विजयी हुए। इन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी कांग्रेस के श्री मनीष खंडूड़ी को 3,02669 से अधिक मतों से हराया।
तीरथ सिंह रावत के राजनीतिक सफरनामा- 

  • 1983 - 1988 राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रचारक रहे
  • अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् (उत्तराखण्ड) के संगठन मंत्री रहे
  • अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् के राष्ट्रीय मंत्री रहे
  • हेमवती नंदन गढ़वाल विश्व विधालय में छात्र संघ अध्यक्ष रहे
  • छात्र संघ मोर्चा (उत्तर प्रदेश) में प्रदेश उपाध्यक्ष रहे
  • भारतीय जनता युवा मोर्चा (उत्तर प्रदेश) के प्रदेश उपाध्यक्ष एवं राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य रहे
  • उत्तराखंड छाया प्रदेश के मंत्री
  • 1997 में उत्तर प्रदेश विधान परिषद् के सदस्य निर्वाचित हुए  
  • विधान परिषद् में विनिश्चय संकलन समिति के अध्यक्ष बनाये गए
  • वर्ष 2000 में नवगठित उत्तराखण्ड के प्रथम शिक्षा मंत्री रहे (First Education Minister of Uttarakhand)
  • 2007 में भारतीय जनता पार्टी उत्तराखण्ड के प्रदेश महामंत्री चुने गए
  • तत्पश्चात प्रदेश चुनाव अधिकारी तथा प्रदेश सदस्यता प्रमुख रहे
  • उत्तराखण्ड दैवीय आपदा प्रबंधन सलाहकार समिति के अध्यक्ष रहे
  • वर्ष 2012 में चौबट्टाखाल विधान सभा से विधायक (Chaubattakhal MLA) निर्वाचित हुए
  • वर्ष 2013 में उत्तराखण्ड भाजपा प्रदेश अध्यक्ष (Uttarakhand BJP State President) बने
  • वर्ष 2017 में भाजपा के राष्ट्रीय सचिव (BJP National Secretary) बने 
  • लोकसभा चुनाव में हिमाचल के चुनाव प्रभारी की बड़ी जिम्मेदारी। 

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