Exclusive : क्या 200 करोड़ की शादी के लिए दी जा रही औली की कुर्बानी..?

आखिर क्यों विवादो में आई औली में हो रही गुप्ता बन्धुओं के बेटो की 200 करोड़ की शादी...?

आखिर क्यों विवादो में आई औली में हो रही गुप्ता बन्धुओं के बेटो की 200 करोड़ की शादी
राजेश नेगी/पहाड़ी खबरनामा।
चमोली। आजकल प्रदेश ही नही बल्कि देश विदेश में औली अपनी सुदरता के लिए नही बल्कि 200 करोड़ की शादी के लिए चर्चा में आ रखा है, पहले तो इस वीवीआईपी शादी की केवल तारीफों के पुल बांधे जा रहे थे, क्योकि शादी सरकार के मुखिया के कहने पर उत्तराखंड औली में हो रही थी, लेकिन अब जैसे-जैसे गुप्ता बंधुओं के बेटों की शादी के दिन नजदीक आ रही है, तारीफें अब आलोचनाओं में बदल गयी हैं।  

औली में मंगलवार से हो रही गुप्ता बंधुओं के बेटों की शादी में सबसे ज्यादा प्रकृति को नुकसान को लेकर मुद्दा गर्म है, प्रकृति प्रेमियों की चिंताएं जायज भी हैं भई, आखिर आम स्थानीय निवासियों को तो एक टेंट लगाने की परमिशन नही मिल पाती वही गुप्ता बधुओं के बेटों की शादी के लिए सरकार ने प्रकृति की बलि चढाते हुए लाल कालीन बिछा रखी है खुला निमंत्रण दिया है कि आओ ओर बुग्यालों को तहस नहस करो।

अब लोग सरकार को नसियत दे रहे हैं कि औली में देवदार के पौधों के रोपण के लिए किसी को बाहर से बुलाते और यहां आकर दो-चार सौ पौधे रोप जाते, तो हिमालय फिर से हरा हो जाता। लेकिन, यहां तो सरकार की तबीयत केवल इस बात से ही हरी हो जा रही है कि उत्तराखंड में 200 करोड़ की शादी हो रही है। 
औली में हो रही इस वीवीआईपी शादी को लेकर मीडिया रिपोर्टों में कहा गया है कि 200 हेलीकाॅप्टर बुक किए गए हैं, अनुमति केवल आठ की ली गई है, मान लीजिए कि आठ ही हेलेकाॅप्टर उड़ान भरेंगे, लेकिन सवाल ये है कि औली में भी कम से कम आठ हेलीपैड होने चाहिए, जो औली में ना तो हैं और ना बनाए जा सकते हैं। जिस औली को पर्यावरणीय खतरे का हवाला देकर सरकार लोगों को वहां ज्यादा संख्या में नहीं जाने देती। कई चीजों पर प्रतिबंध है, फिर इतनी बड़ी शादी कैसे हो सकती है। 
रिपोर्टों में यह जानकारी भी सामने आई है कि शादी में शामिल खास मेहमानों को औली से सीधे हेलीसेवा के जरिए केदारनाथ और बद्रीनाथ जी के दर्शन कराए जाएंगे। यहां भी एक और गंभीर सवाल ये है कि इन दिनों चारधाम यात्रा चल रही है। उत्तराखंड में खासकर केदारनाथ और बद्रीनाथ में किसी भी तरह का एयर ट्रैफिक कंट्रोल सिस्टम नहीं है, फिर कैसे एयर ट्रैफिर को कंट्रोल किया जाएगा। एक महत्वपूर्ण बात ये भी है कि केदारनाथ घाटी में एक बार में छह से ज्यादा हेलीकाप्टर उड़ान नहीं भर सकते हैं। ऐसे में जब वहां पहले से ही हेलीकाप्टर उड़ान भर रहे हैं। ऐसे में गुप्ता बंधुओं की शादी के हेलीकाप्टर कैसे उड़ान भर पाएंगे। क्या 200 करोड़ की शादी कराने वाले गुप्ता बंधुओं के मेहमानों के लिए चारधाम यात्रा की हेली सेवा रोक दी जाएगी।
गुप्ता बन्धुओं ने  अपने बेटों की शादी के लिए औली में वैसे तो मात्र 20 टेंट बनाने की जिला प्रशासन से अनुमति मांगी गई है। लेकिन जोशीमठ एसडीएम के निरीक्षण में पता चला कि वीवीआईपी शादी के लिए कम से कम 200 टेंट लगाए जा रहे हैं, टेंट लगाने के लिए स्लोप को जेसीबी से खोदकर सीधा किया जा रहा है। बड़ी बात यह है कि औली में जेसीबी लेजाकर बुग्यालों में खुदाई की अनुमति आखिर कैसे मिल गयी, क्या इससे बुग्यालों पर असर नही पड़ेगा, या इससे औली के पर्यावरण पर असर नही पडेगा।

उच्च हिमालयी क्षेत्र शान्त माने जाते हैं प्रकृति भी यहाॅ पर शान्ति ही चाहती है, यहाॅ ज्यादा शोर करना किसी भी लिहाज से ठीक नही है, औली में गुप्ता परिवार की जिस शादी का मंडप सजाया जा रहा है, तो ये पक्का है कि शादी में भी खूब धूम-धड़ाका किया जाएगा, क्या उस धूम-धड़ाके से उच्च हिमालयी क्षेत्रों में रहने वाले जीवों पर प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा। अगर पड़ता है, तो इसकी जिम्मेदारी कौन लेगा। अन्त में सबसे बड़ा सवाल तो ये है कि क्या सिर्फ 200 करोड़ की शादी के लिए उस पर्यावरण के नुकसान को दरकिनार कर दिया जाना चाहिए, जिसपर प्रदेश की नीव टिकी हुई है ओर हजारों लोंगों की आथिकी..?

खबर पर प्रतिक्रिया दें 👇