पंचायती राज एक्ट में संशोधन विधेयक :विधानसभा में किया चटपट पास, बीडीसी में लगी विधायको की क्लास! बीडीसी के बैठक में रुद्रप्रयाग के दोनों विधायकों में तीखी नौंक-झोंक...

पंचायती राज एक्ट में संशोधन विधेयक :विधानसभा में किया चटपट पास, बीडीसी में लगी विधायको की क्लास! बीडीसी के बैठक में रुद्रप्रयाग के दोनों विधायकों में तीखी नौंक-झोंक...

पंचायती राज एक्ट में संशोधन विधेयक
अनूप रमोला/ अगस्तमुनि।
पंचायती राज एक्ट में संशोधन विधेयक  उत्तराखंड के विधानसभा के सदन में तो पास हो चुका है, लेकिन पंचायती राज एक्ट में संशोधन विधेयक  को पास करने में विधानसभा  के सदन में जो विधायकों की नोंक झोंक नही दिखी वो अब बीडीसी के सदन में पंचायत प्रतिनिधियों के हितैसी बनने के लिए दिख रही है, बीजेपी के विधायक हों या कांग्रेस के विधायक दोनों अपने को पंचायत प्रतिनिधियों का सबसे बड़ा हितेषी व दूसरे को विरोधी साबित करने में लगा है, ऐसा ही कुछ तस्वीर रुद्रप्रयाग के अगस्तमुनि के बीडीसी बैठक में दिखी, जहां सदन में पंचायती राज एक्ट में संशोधन विधेयक को लेकर बीजेपी विधायक भरत चौधरी व कांग्रेस विधायक मनोज रावत के बीच तीखी बहस व आरोप-प्रत्यारोप लगाए गए।
क्षेत्र पंचायत मन्दाकिनी की बीडीसी बैठक में भाजपा विधायक भरत चौधरी ने पंचायत प्रतिनिधियों से कहा कि जब विधानसभा सदन मेंपंचायती राज एक्ट में संशोधन विधेयक  पारित किया जा रहा था तो काँग्रेस के 11 विधायकों में से किसी 1 ने भी कुछ नही कहा, जिस पर केदारनाथ विधायक मनोज रावत ने तुरंत पलटवार करते हुए कहा कि जब विधानसभा  सदन में हंगामा हो रहा था तो सरकार हड़बड़ी में पंचायती राज एक्ट में संशोधन विधेयक पारित करवा लिया था, जबकि विधेयक में खामियां ही खामियां हैं, केदारनाथ विधायक ने कहा कि दो बच्चों व शैक्षिक योग्यता को पहले सांसद व विधायकों पर लागू करना चाहिए।
क्षेत्र पंचायत मन्दाकिनी की बैठक में केदारनाथ विधायक मनोज रावत ने पंचायती राज एक्ट में संशोधन विधेयक  में हुये संशोधन बिल पर सरकार को घेरते दिखे जबकि रूद्रप्रयाग विधायक सरकार का बचाव करते रहे। इस दौरान सदन में उपस्थित पंचायत सदस्य तालियां बजाकर आनन्द लेते रहे। ब्लाक सभागर में जैसे ही ब्लाक प्रमुख जगमोहन रौथाण ने कार्यवाही शुरू करने की घोषणा की वैसे ही क्षेत्र पंचायत सदस्य योगम्बर नेगी ने विधानसभा में पारित पंचायती राज एक्ट में संशोधन विधेयक में पंचायत चुनाव में प्रत्याशी के दो बच्चों से अधिक होने पर अयोग्य होने के फैसले का विरोध किया। जिसके बाद सदन में एक के बाद एक सदस्य इसका समर्थन करने लगा। तथा ध्वनि मत से इस प्रस्ताव को सदन में पारित किया गया। इसी दौरान रूद्रप्रयाग विधायक भरत चैधरी ने इस पर सरकार का पक्ष रखना चाहा लेकिन मौका पाते ही केदारनाथ विधायक ने कहा कि सरकार ने आनन फानन में सत्र के अतिंम दिन पंचायती राज एक्ट में संशोधन विधेयक को हंमामें के बीच पारित किया। जबकि इसमें दर्जनों गलतियां हैं। जिसके बाद दोनों विधायको में बहस बढ गयी।
विधायक भरत चौधरी ने कहा कि यदि जनता न चाहे तो दुनिया की कोई भी सरकार किसी भी नियम को लागू नही कर सकती है। विधानसभा  में पंचायती राज एक्ट में संशोधन विधेयक लाया गया उस समय सदन में काग्रेस के भी 11 विधायक उपस्थित थे। लेकिन किसी ने भी प्रश्न नही किया। उन्होने कहा कि मैं स्वयं नही चाहता हूॅ कि केवल त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों में इसे लागू किया जाय। बल्कि यदि यहां लागू है तो इसे लोकसभा व विधानसभा  में भी लागू किये जाने की मांग की जानी चाहिये। उन्होने कहा कि कई बार जो फैसले हमें गलत लगते है उनके परिणाम दूरगामी होते है।
वहीं विधायक मनोज रावत ने कहा कि लोकत्रंत के सबसे छोटे व महत्वपूर्ण सदन से पंचायती राज एक्ट में संशोधन विधेयक पर निकले इस प्रस्ताव पर सरकार को ध्यान देना चाहिये। उन्होने हाल ही में लागू स्थानान्तरण नीति व पंचायत राज पर सरकार द्वारा जल्द ही अध्यादेश लाने की बात पर भी सरकार को घेरा। जिसके बाद ब्लाक प्रमुख द्वारा सभी से केवल क्षेत्र की समस्याओं पर अपनी बात रखने के आग्रह के बाद ही सदन की कार्यवाही आगे चल पायी।

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