एसडीएम मनीष सिंह को केदारनाथ का प्रभार, एसडीएम चटवाल त्यागपत्र गायब!.. जाने पूरी खबर

एसडीएम मनीष कुमार
राजेश नेगी/रूद्रप्रयाग। 
एसडीएम गौरव चटवाल के त्यागपत्र का मामला ओर उलझता जा रहा है, मीडिया में भले ही एसडीएम गौरव चटवाल को लेकर तरह-तरह की अटकलें चल रही हों लेकिन अबतक न ही इस मामले में कार्मिक विभाग और न ही जिला प्रशासन ने कोई स्थिति साफ की है, कार्मिक विभाग तो अभी तक एसडीएम चटवाल के इस्तीफा का मामला संज्ञान में भी होने से साफ मना कर रहा है, जिस त्यागपत्र को लेकिन दिनभर रुद्रप्रयाग जिले में हलचल मची हैं वो त्यागपत्र गायब से हो गया यानी वो कहाँ हैं किसी को नही पता, ऐसे में संम्भावना ओर अटकलें जताई जा रही है कि एसडीएम चटवाल का इस्तीफा मंजूर ही नही किया जायेगा ओर जल्द ही वो एसडीएम के रूप से फिर सेवाऐं देगे, लेकिन इतना तय है कि अब केदारनाथ में जरूर उन्हे नही भेजा जायेगा। 

एसडीएम मनीष कुमार को दिया गया केदारनाथ का प्रभार। 

प्रदेश में तेजतरार पीसीएस अधिकारी माने जाने वाले एसडीएम मनीष कुमार को केदारनाथ का प्रभार दिया गया है, गढ़वाल मण्डलायुक्त बीबीआरसी पुरूषोत्तम ने एसडीएम मनीष कुमार को केदारनाथ का प्रभार के आदेश जारी किये हैं, एसडीएम मनीष कुमार टिहरी ओर हरिद्वार में भी एसडीएम रह चुके हैं हरिद्वार में एसडीएम मनीष कुमार डीएम दीपक रावत के साथ सोशल मिडिया में काफी सुर्खियों में रहते थे, वर्तमान में एसडीएम मनीष कुमार कोटद्वार में तैनात हैं। 

आखिर क्यों कतारा रहे है एसडीएम केदारनाथ का प्रभार लेने में। 

बड़ा सवाल ये है कि आखिर केदारनाथ का प्रभार लेने एसडीएम क्यों कतराते हैं, बाबा केदार के कपाट खुलने के साथ ही केदारनाथ में एसडीएम मजिस्ट्रेट की खोज चल रही है, वैसे तो केदारनाथ क्षेत्र उखीमठ तहसील में पड़ता है लेकिन यात्रा में व्यवस्थाओं को देखने के लिए केदारनाथ के लिए अलग से यात्रा मजिस्ट्रेट नियुक्त किया जाता है, बीते 3 मई को पीसीएस शैलेन्द्र नेगी को केदारनाथ के लिए तबादला किया गया था, लेकिन पीसीएस शैलेन्द्र नेगी ने केदारनाथ ज्वाइंन नही किया, ओर फिर उनका तबादला संयुक्त सचिव एमडीडीए के पद पर हो गया, उसके बाद एसडीएम गौरव चटवाल का स्थानांतरण केदारनाथ के लिए हुआ, 17 मई को वो पीएम मोदी की वीआईपी ड्यूटी के लिए केदारनाथ पहुचे बिना केदारनाथ ज्वाइंन किए उन्होने 14 दिनों तक वहाॅ सेवाऐं दी, ओर फिर एकाएक उनके त्यागपत्र की बात सामने आई, ऐसे में बड़ा सवाल खड़ा होता है कि आखिर एसडीएम केदारनाथ जाने से क्यों कतराते हैं, केदारनाथ हाई एटीटयूड एरिया है जहाॅ पर काम करना मुश्किलों भरा होता है, वही दूसरी और ज्यादातार एसडीएम और अन्य अधिकारी केदारनाथ भेजे जाने पर उसे अपने लिए सजा जैसा मानते हैं। 

खबर पर प्रतिक्रिया दें 👇