बड़ा सवाल! मुक्तिनके धाम बाबा केदार की भूमि में भंगड़ा कितना जायज!

राजेश नेगी/रुद्रप्रयाग- केदारनाथ कोई आम मंदिर नही बल्कि भोले नाथ का आदि धाम है, जहां माना जाता है कि भगवान भोले नाथ ध्यान मुद्रा में लीन रहते है इसे मुक्ति धाम भी माना जाता है ऐसे में सोशल मीडिया में एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें मुक्ति धाम में भंगड़ा कर जश्न मनाते कुछ युवक युवतियां नाच रहे हैं ऐसे में मुक्ति धाम में ये जश्न कितना जायज हैं-
 
देखें वीडियो- बाबा के मंदिर में ये कैसा भंगड़ा!
बाबा केदार को मुक्ति धाम माना जाता है, पौराणिक काल से ही हिन्दू मान्यताओं के अनुसार जीवन के अंतिम क्षणों में बाबा के दर्शन का बड़ा पुण्य माना जाता है, बाबा केदार की भूमि बेहद शांत है यहां केवल भगवान शिव को ही तांडव करने का अधिकार है, आम श्रदालुओं को बाबा के दर्शन के साथ डमरू व बांसुरी जैसे दैवीय बाध्य यंत्र की अनुमति है, ऐसे में कुछ युवक जिस तरह से यहां बाबा के मंदिर के सामने भंगड़ा पर नृत्य कर पौराणिक मान्यताओं को तोड़ने के साथ ही बाबा के धाम में ध्वनि प्रदूषण कर रहे हैं।
मंदिर में श्रद्धा से शांति के लिए श्रद्धालु जाते हैं ऐसे में बाबा के अन्य श्रद्धालुओं की शांति में भी इससे खलल पड़ता है, कई श्रधालुओ की भावनाओं भी इस जश्न से आहत होती है। केदारनाथ वन्य जीव क्षेत्र के भी भी ये कहीं से ठीक नही लगता।

बड़ी बात ये है की बाबा के मंदिर में ये सब कुछ हो रहा है ओर मंदिर समिति व पुलिस प्रशासन, वन विभाग, तीर्थ पुरोहित समाज कानों में तेल डाल व आखों में पट्टी बांध कुम्भकरणी नींद में सोया है या फिर सबकुछ जान अनजान बना हुआ है, क्योकि बाबा के डर पर आम श्रद्धालु आम आदमी होता है जिससे इतनी कमाई नही होती ऐसे में इस तरह के जश्न करने वाले हुड दंगी ढोंगी श्रद्धालुओं से अच्छी आमदनी होती है ये बड़ा सवाल है जो अब बाबा केदार का आम भक्त उठा रहा है।

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