देखिए साहब! मात्र सरकारी कागजों को ही पेयजल से भिगो रही जल संस्थान की करोड़ो की योजनाएं! मयाली की जनता है प्यासी..

मयाली बाजार
फ़ोटो- जखोली में पानी के बिना गंदगी से भरा शौचालय।
रामरतन पंवार/जखोली।
जखोली। मयाली मुख्य बाजार में रूद्रप्रयाग जल संस्थान द्वारा पेयजल आपूर्ति के सभी प्रयास नाकामयाब सिद्ध हो रहे हैं, आपको बतादें कि मयाली के लिए हिलाई गाड़ से और मयालीत क लगभग पांच किलोमीटर लंबी पेयजल योजना मे पूर्ण रूप से पानी न आने के कारण पहले ही विवादो में आ चुकी है, आजकल ये योजना लोगों के बीच खासा चर्चाओं का कारण बन रही है। जल संस्थान द्वारा इस पेयजल योजना पर हर साल पेयजल मरम्मत के नाम पर काफी बजट खर्च किए जाता है लेकिन पेयजल योजना लोगों की प्यास बुझाने में अबतक असफल ही साबित हुई है, ओर स्थिति जस की तस बनी हुई है, आज भी मयाली बाजार की जनता बूंद बूंद पानी के लिए तरस रही है।
मयाली बाजार में शौचालय के भी बुरे हाल-
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मयाली मे पानी न आने से पेयजल ही नही स्वछता पर बहु असर पड़ रहा है, इसका सबसे बड़ा उदाहरण मयाली मे वर्ष 2013-14 मे तीन लाख चालीस हजार रुपए की लागत जिला पंचायत रूद्रप्रयाग द्वारा बनाया गया शौचालय है, जनता की सुविधाओं के लिए बनाया गया शुलभ शौचालय बिना पानी के इतना गंदा व बदबूदार हो चुका है कि इसके अंदर जाना तो दूर पास से भी नाक बंद कर गुजरना पड़ता है, वैसे मयाली मे एक नही दो-दो शौचालय बने है लेकिन दोनों मे शौचालयों पानी नआने के कारण गंदगी का अंबार लगा हुआ है, जिम्मेदार विभागों की ये उदासीनता बिमारियो को न्यौता दे रही है।
मयाली में स्थानीय कस्बे के निवासियों के साथ ही दूर दराज से बाजार आने वाली जनता पीने के पानी व शौचालय के लिए हमेशा तरसती रहती है, लेकिन जिम्मेदार अधिकारी तमाशाबीन बने तमाशा देखते रहते हैं।
हैंडपंप ही बुझा रहे लोगों की प्यास
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जब करोड़ों की पेयजल योजनाएं काम नही कर रही हैं तब मयाली में हेंडपम्प ही लोगों की प्यास बुझा रहे हैं, अगर मयाली मे हैंड पंप की व्यवस्था न होती तो मयाली बाजार के दुकानदारो वो आम जनता को पीने के पानी के लाले पड़ जाते, ऐसे में बड़े सवाल उठते हैं आखिर कब तक ये पेयजल संकट से मयाली के लोग जूझते रहेगे। मयाली के लंबे समय से पेयजल संकट से गुजर रहे है।

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