रामरतन पंवार |
ग्राम पंचायत लुठियाग के अन्तर्गत आने वाला तथा जनपद रुदप्रयाग एवं टिहरी गढवाल यानी दोनो जनपदो के मध्य बसा सीमावर्ती गांव आज पीने के पानी के लिए तरस रहा है। जबकि यात्रा काल के दौरान चारो धामो को जाने वाले छोटे बड़े वाहन चिरबटिया से ही गुजरते है।तथा कई वाहन रात्री के समय चिरबटिया मे रात्री विश्राम भी करते है लेकिन वहाँ पर ठहरने व खाने कि की व्यवस्था तो है तो पीने की पानी की कोई व्यवस्था नही है। किसी तरह चिरबटिया ये जल संस्थान के द्वारा कई साल पूर्व हैण्डपम्प भी लगाये गये थे जिससे कि चिरबटिया बाजार के लोग पीने का पानी पी रहे इन हैण्डपमो मे भी लाल रंग का पानी निकल रहा है चिरबटिया मे रहने वाले दुकान दार कमल सिंह, त्रिलोक सिंह, बीरबल सिंह, प्रेम सिंह कुवंर सिंह आदि का कहना है कि हैण्डपम्पो को ठीक करने के लिए कहे तो कहें किसे क्योंकि ये हैण्डपम्प सीमा पर लगे हुए हैं न जाने रूद्रप्रयाग जल लसंस्थान ने बनाये हैं या टिहरी जल संस्थान के द्वारा बनाए गए है जिससे कि असमंजस की स्थिति बनी है।
यही नहीं चिरबटिया मे रिलायंस फाऊंडेशन ने भी पीने के पानी के लिए बहुत बड़ा टैंक बनाया हुआ है लेकिन उसमे भी पानी नही आता है केवल खानापूर्ति हेतु बनाया गया चिरबटिया मे मुख्य रूप से पानी न आने कारण पैतृक स्रोत का सूख जाना बताया गया है।आखिर कब तक चिरबटिया की जनता के सामने पीने के पानी का संकट कैसे खत्म होगा ये एक बड़ा सवाल बन कर रह गया है जबकि वर्ष 2010-11 मे चिरबटिया के लिए पानी की आपूर्ति करने हेतु घटखाणीनामी तोक से और चिरबटिया तक यानी लगभग 50लाख रुपये की लागत से बनाई जाने वाली पेयजल योजना की स्वीकृति जल निगम रूद्रप्रयाग के द्वारा दी गयी थी तथा निर्माण कार्य की शुरुआत भी की गई लेकिन यह स्रोत दूसरे जिले यानी नेलचामी के टिहरी गढ़वाल मे पड जाने के कारण वहां के लोगो ने पेयजल योजना को तोड़ दिया था। अगर वो योजना बन जाती तो चिरबटिया की जनता को भरपूर पानी का लाभ मिल सकता था।