वन अधिनियम इम्पैक्ट- कपाट खुलने के बाद मदमहेश्वर में समस्याओं का अंबार....

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Photo- वन अधिनियम इम्पैक्ट- कपाट खुलने के बाद मदमहेश्वर में समस्याओं का अंबार ।


रिर्पोट- हरीश चन्द्र, उखीमठ।
उखीमठ। द्वितीय केदार भगवान मदमहेश्वर धाम के कपाट खुलने के साथ ही मदमहेश्वर यात्रा में समस्याओं का अंबार दिखने लगा है, मदमहेस्वर घाटी में सेन्चुरी वन अधिनियम विकास कार्यो में बाधक बना हुआ है, पचकेदारो में द्वितीय केदार के नाम से विख्यात भगवान मदमहेश्वर धाम के यात्रा पड़ावों के विकास में केदारनाथ वन्य जीव प्रभाग का सेन्चुरी वन अधिनियम बाधक बना हुआ है, जिंसमे मदमहेश्वर धाम सहित यात्रा पड़ावों पर यातायात, विघुत व संचार सुविधाओं का अभाव आज भी जस का तस है।
मदमहेस्वर धाम व यात्रा पड़ावों पर मूलभूत सुविधाओं का अभाव होने के कारण इस धाम में अन्य तीर्थस्थलों की अपेक्षा बहुत कम श्रद्धालु व यात्रि पहुचते है, केंद्रीय जल ससाधन मंत्री उमा भारती व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत सहित कई बड़ी हस्तियां मदमहेस्वर धाम में पहुच चुके है, मगर किसी भी ने अभी तक इस धाम के विकास की पहल नही की है, वही दूसरी ओर मदमहेस्वर घाटी विकास मंच के अध्यक्ष मदन भट्ट का कहना है कि मदमहेस्वर धाम में संचार, स्वास्थ्य व विघुत जैसी मूलभूत सुविधाओं की दिक्कत विगत कई वर्षों से बनी हुई है, जिससे धाम में आने वाले तीर्थ श्रद्धालुओं को भारी परेशानी होती है ओर फिर इस समस्या से इस धाम में तीर्थयात्री रात्रि ठहरने के मकसद से आते है ऐसे में उनको संचार, विघुत व स्वास्थ्य मूलभूत सुविधाएं नही मिलती है जिससे की तीर्थयात्री दोबार यहाॅ यात्रा पर आने से कतराते है।

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