टिहरी: लमगांव बाजार में हर रोज मर रही है गौ माता।

लमगांव बाजार में हर रोज मर रही है गौ माता।
लमगांव बाजार में हर रोज मर रही है गौ माता।
केशव रावत/प्रतापनगर..........✎

लमगांव बाजार में हर रोज मर रही है गौ माता। 


पौराणिक मान्यताओं के अनुसार 84 कोटी के देवी-देवता जिस गौ माता के अन्दर वास करते हैं, प्रतापनगर के लंम्बगाव में उस गौ माता की कद्र करने वाले कोई नही, न ही सरकार और न गौ माता की नाम पर आन्दोलन और राजनीति करने वाले लोग, देश भर में जहाॅ आम आदमी के साथ ही हिन्दुवादी संगठन गौमाता को राष्ट्रमाता का दर्जा देने की लम्बे समय से मांग कर रहे हैं, यहाॅ तक तक अब तो खुद सरकारें भी इस ओर पहल कर रही हैं, हिमाचल प्रदेश के साथ साथ उत्तराखंड सरकार ने भी बाकायदा कैबिनेट में प्रस्ताव पास कर केंद्र सरकार को भेज दिया है कि वह गौ माता को राष्ट्रमाता घोषित करे, और हिमाचल देश का पहला ऐसा राज्य है जिसने इस प्रस्ताव की को कैबनेट में पास करा केन्द्र को भेजा, ओर दूसरा नम्बर उत्तराखंड का है।
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कागजों पर तो यह सब ठीक लगता है लेकिन धरातल पर गौमाता की सुध लेने वाला कोई नही न ही कोई संगठन न सरकार, आजतक गौ माता के संरक्षण और रखरखाव के लिए कोई स्पष्ट नीति नही बनी, ऐसे में आज भी शहरों से लेकर गांव तक गाय माता या तो लावारिश सड़कों में धुमती हुई या फिर कूड़े के ढेरों में कूडा खाती नजर आती हैं, प्रतापनगर के लम्गांव में भी आयदिन गौ माता प्राण त्याग रही हैं, लेकिन कोई नही जो निस्वार्थ भाव से गाय माता के बारे में कुछ सोच सके, हर रोज हर छोटे-बड़े का बाजार में गौ माता मरती जा रही है गौ माता लोगों की मार खाती जा रही है गौमाता लोगों का जूठन खाने को मजबूर है हम और हमारा समाज गौ माता का दूध दोहन करने के बाद जब गौमाता दूध देने लायक नहीं रहती तो उसे हम र्निदयी बन कर बाजारों में मरने के लिए कटने के लिए और मार खाने के लिए छोड़ देते हैं हम और हमारी सरकार पर यह बड़ा प्रश्न चिन्ह है कि आखिर कब हम और हमारी सरकार गौ माता पर अपनी राय स्पष्ट करें नही तो क्या यूही मरती रहेगी गौ माता ।

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