ऋषिकेश- अमरीका के राजदूत केनेथ आई जस्टर पहुंचे परमार्थ निकेतन


स्वामी चिदानन्द सरस्वती
 संजय शर्मा/ऋषिकेश। 
राजदूत केनेथ आई जस्टर का परमार्थ गुरूकुल के ऋषिकुमारों ने वेद मंत्रों से किया दिव्य स्वागत
राजदूत केनेथ आई जस्टर एवं स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज ने विश्व शान्ति हेतु  विश्व ग्लोब का किया जलाभिषेक
वर्ष 2020 में होने वाले अन्तर्राष्ट्रीय योग महोत्सव तथा वर्ष 2021 में हरिद्वार में होने वाले कुम्भ मेला में सहभाग हेतु राजदूत केनेथ आई जस्टर को दिया आमंत्रण
ऋषिकेश, 2 मई। अमरीका के राजदूत केनेथ आई जस्टर पहुंचे परमार्थ निकेतन। परमार्थ गुरूकुल के ऋषिकुमारों ने राजदूत केनेथ आई जस्टर का वेद मंत्रों से दिव्य स्वागत किया। उन्होने परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज से मुलाकात कर विभिन्न वैश्विक विषयों पर चर्चा की। स्वामी जी महाराज के पावन संरक्षण और मार्गदर्शन में वैश्विक स्तर पर परमार्थ निकेतन, ग्लोबल इण्टरफेथ वाश एलायंस, डिवाइन शक्ति फाउंडेशन और गंगा एक्शन परिवार द्वारा संचालित गतिविधियों की जानकारी प्राप्त की। 

राजदूत केनेथ आई जस्टर से विश्व शौचालय काॅलेज की छात्राओं ने मुलाकात की। स्वामी जी महाराज ने अन्तर्राष्ट्रीय योग महोत्सव, स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण के विषय में उनसे कि चर्चा। स्वामी जी महाराज ने कहा कि भारत और अमरीका मिलकर विश्व शान्ति और सद्भाव की स्थापना के लिये मिलकर कार्य करते रहें तो वैश्विक स्तर पर विलक्षण परिवर्तन हो सकता है। 

 स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज ने राजदूत केनेथ आई जस्टर से  भारतीय दर्शन,  माँ गंगा, हिमालय के आध्यात्मिक महत्व पर चर्चा की साथ ही वर्ष 2020 में होने वाले अन्तर्राष्ट्रीय योग महोत्सव तथा वर्ष 2021 में हरिद्वार में होने वाले कुम्भ मेला के विषय में भी चर्चा की तथा उन्हंे अन्तर्राष्ट्रीय योग महोत्सव और कुम्भ मेला में सहभाग हेतु आमंत्रित किया।
 स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज ने कहा कि आपके भारत प्रवास से अमरीका और भारत के मध्य आपसी बन्धुत्व और प्रगाढ़ होंगे। हमारे रिश्ते मधुरता, शान्ति और सौहार्द्रता से परिपूर्ण थे और आगे भी रहेंगे। भारत और अमेरीका दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र है। दुनिया के अन्य देशों को इनसे काफी उम्मीद है। उन्होने कहा मुझे भरोसा है कि दोनों राष्ट्र शान्तिपूर्ण सह अस्तित्व के साथ आगे बढ़ते रहेंगे। साथ ही कहा कि वर्तमान समय में भारत के पास एक कुशल नेतृत्व करने वाली सरकार है जो कि वैश्विक स्तर की समस्याओं का समाधान बेहतर ढंग से कर सकती है। स्वामी जी ने कहा कि अब समय आ गया है कि दोनों महाशक्तियां मिलकर जलवायु परिवर्तन, आंतकवाद, कुपोषण, गरीबी उन्नमूलन, मानवाधिकार जैसे अन्तर्राष्ट्रीय मुद्दों के समाधान के साथ वैश्विक समृिद्ध के लिये मिलकर कार्य करें।।’
स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज ने कहा कि वर्तमान समय में देखा जायें तो विश्व स्तर पर दो समस्यायें भयावह रूप ले रही है प्रथम तो जल का घटता स्तर और दूसरा चारांे ओर बढ़ता आतंकवाद। हम सभी को सर्वप्रथम जल समस्या के विषय में विचार करना होगा क्यांेकि यह एक वैश्विक भयावह समस्या है। जल समस्या एक वैश्विक समस्या है इसके लिये जल के संरक्षण के साथ जल का पुनर्चक्रण नितांत आवश्यक है। वैज्ञानिकों ने बताया की भारत मंे कुल ऊर्जा का 15Û2 प्रतिशत ही नवीकरणीय ऊर्जा का योगदान है इसी प्रकार अपशिष्ट जल का केवल 2Û2 प्रतिशत पुनर्नवीनीकरण किया जा रहा है इसलिये हमंे जल के पुनर्चक्रण एवं पुनर्नवीनीकरण के लिये क्रान्ति की तरह कार्य करना होगा। जल वैज्ञानिकों ने घोषणा की है कि दुनिया में वर्ष 2040 तक पीने योग्य जल केवल आधा ही बचा रहेगा वास्तव में यह चिंतन का विषय है और इस पर सामाधान होना चाहिये। 
स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज ने राजदूत केनेथ आई जस्टर को पर्यावरण संरक्षण का प्रतीक रूद्राक्ष का पौधा, इलायची की माला, श्री गणेश जी की सुन्दर प्रतिमा भेंट की एवं महाग्रंथ हिन्दु धर्म विश्वकोष की प्रति भी उपहार स्वरूप दी। स्वामी जी महाराज और राजदूत केनेथ आई जस्टर ने विश्व शान्ति हेतु विश्व ग्लोब का जलाभिषेक किया।

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