खतरे से बेपरवाह! गुलदार प्रभावित क्षेत्र में वाहनों की पार्किंग से ट्रक चालकों की जान को खतरा..

rajaji park
फोटो परिचय-वन्यजीवों के खतरे से अंजान जंगल में बैठकर समय काटते वाहन चालक। 
वन्यजीवों के गलियारे हो रही पार्किंग को लेकर 
पार्क प्रशासन ने जताया सख्त एतराज
रायवाला। प्रतिबंधित पार्क स्थित मोतीचूर-चीला वन्यजीव गलियारे में होने वाली वाहनों की पार्किंग को लेकर पार्क प्रशासन ने सख्त एतराज जताया है। इस संबंध में मोतीचूर रेंज अधिकारी शैलेंद्र सिंह नेगी ने पुलिस क्षेत्राधिकारी, उपजिलाधिकारी, वाणिज्य कर अधिकारी व संभागीय परिवहन अधिकारी को पत्र लिखकर उक्त प्रतिबंधित क्षेत्र में वाहनों की पार्किंग, चैकिंग करने के लिए मना किया है। 
महेश पंवार
यात्रा सीजन के दौरान हरिद्वार शहर में बढ़ने वाली भीड़ को काबू करने के लिए भारी भरकम वाहनों को हरिद्वार से पहले ही रोक दिया जाता है। खास बात यह है कि इन वाहनों की पार्किंग राजाजी पार्क की मोतीचूर रेंज स्थित मोतीचूर-चीला वन्यजीव गलियारे में की जाती है। जिसको लेकर पार्क प्रशासन ने सख्त ऐतराज जताते हुए पुलिस, वाणिज्य और परिवहन विभाग को पत्र लिखा है। रेंज अधिकारी शैलेंद्र सिंह नेगी ने बताया कि इन वाहनों की पार्किंग न केवल वन्य जीव आतंकित हो रहे हैं बलकि वाहन चालकों पर आदमखोर गुलदार के हमले का खतरा भी मंडरा रहा है। गौरतलब है कि हरिद्वार शहर में भीड़ बढ़ने पर यातायात को नियंत्रित करने के लिए ट्रक एवं अन्य बड़े वाहनों को रायवाला के आस-पास वन्य जीव गलियारा में रोक दिया जाता है। इतना ही नही परिवहन व वाणिज्य कर विभाग को वाहनों की चैकिंग करनी हो तो वह भी इसी स्थान को चुनते हैं। उक्त स्थान मोतीचूर- चीला वन्यजीव गलियारा है लिहाजा यहां से अक्सर जंगली जानवर हाइवे को पार करते है। वाहन चालकों को वन्यजीवों से सतर्क करने के लिए पार्क प्रशासन ने जगह जगह चेतावनी वाले साइन बोर्ड भी लगाए हुए है। 
मोतीचूर रेंज के प्रतिबंधित वन्यजीव गलियारे में वाहनों की पार्किंग।
फोटो परिचय-मोतीचूर रेंज के प्रतिबंधित वन्यजीव गलियारे में वाहनों की पार्किंग।
उल्लेखित है कि उक्त क्षेत्र को आदमखोर गुलदार और हाथियों का गढ़ माना जाता है। गौर करने वाली बात यह है कि मोतीचूर रेंज से सटे क्षेत्रों में आदमखोर गुलदार 22 लोगों को निवाला बना चुका है। जिनमे अधिकांश लोग या तो पैदल चलते राहगीर थे या फिर ट्रक चालक। मंगलवार को भी दर्जनों वाहन चालक खतरे से अनजान जंगल में बैठे दिखायी दिए तो कुछ पेड़ों के नीचे लेटकर आराम फरमाते हुए। यह बड़ा सवाल है कि यदि इस दौरान कोई इनहोनी हो जाए तो इसकी जिम्मेदारी किसकी होगी। अब देखना यह होगा कि पार्क प्रशासन द्वारा जारी लिखित पत्र के बाद संबंधित विभागीय अधिकारियों पर इसका क्या असर होता है। 

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